Bandh

Dams ( Bandh – बांध ) क्या होता है ? उपयोग, कार्य, वर्गीकरण नुकसान और फायदे

Bandh Kya hote hai: इस लेख में हम बात करेंगे बांधो की जिसमे हम जानेगे बाँध क्या होते है और इनका निर्माण क्यों किया जाता है। और हमे बांधो की आवश्यकता क्यों होती है बांधों के प्रकार-और बांधो के नुकसान और फायदे-

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बांध क्या होता है या Bandh किसे कहते है?

बाँध एक प्रकार का अवरोध है जो बारिश के जल को बहने से रोकता है और उस पानी को एक जलाशय बनाने में मदद करता है। इससे बाढ़ आने से तो रुकने के साथ-साथ यह जल सिंचाई, जलविद्युत, पेय जल की आपूर्ति, नौवहन आदि में भी सहायक होती है।
जैसा की हम सब को पता है की बड़े बांधों का निर्माण करना अधिक कठिन होता है भारत में बड़े बांधो के के उदहारण भाखड़ा बांध, सरदार सरोवर, टीहरी बांध इत्यादि बड़े बाँध है। इस प्रकार के बांधो के निर्माण में अत्यधिक कार्य, शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है

इन बांधो के निर्माण में अधिक मात्रा में कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। जितने अधिक बांध मजबूत होंगे उतनी ही उनकी भराव क्षमता भी अधिक होगी। और जितनी भराव क्षमता होगी उसमे उतना ही अधिक मात्रा में पानी को बचाया जा सकता है एक बांध की इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता अतिआवश्यक होती है । बांध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाब कहते है। यानी किसी बाँध में जितने अधिक गहराई होगी उसका जल-दाब जल की गहराई के साथ बढ़ता जाएगा।

हमें बांधों की आवश्यकता क्यों होती है ?

जैसा की हम सबको पता है की जल, धरती पर सामान रूप से नहीं पाया जाता है। और इसकी उपलब्‍धता वर्ष भर रखने के लिए बांधो का निर्माण किया जाता है साथ ही प्रकृति की मार से बचाती है।
यह नदियों में पानी को बनाये रखने के लिए व अधिक मात्रा में पानी पर नियंत्रण करने में काम आते है बांधों का उपयोग सिंचाई, पीने का पानी, बिजली बनाने तथा पुनः सृजन के लिए जल के भण्डारण में होता है ।

बांधों के प्रकार

विभिन्न मानदंडों के आधार पर बांधों के प्रमुख प्रकार :

Bandh निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के आधार पर बांधों के प्रकार

  • कठोर बांध (कंक्रीट बांध, इस्पात बांध, लकड़ी बांध आदि)
  • गैर-कठोर बांध (रॉकफिल बांध) ये लगभग प्राकर्तिक होती है इसमें पहाड़ो के बीच में इसका निर्माण हो जाता है या किया जाता है।

Bandh के आकार या ऊंचाई के आधार पर बांध के प्रकारों का वर्गीकरण:

  • कम बांध / छोटा बांध
  • मध्यम बांध
  • ऊंचे बांध / बड़े बांध

उद्देश्य/उपयोग के अनुसार बांध का वर्गीकरण

  1. जल आपूर्ति बांध/सिंचाई बांध
  2. बिजली बांध
  3. बहुउद्देशीय बांध
  4. बाढ़ नियंत्रण बांध

बांधों के लाभ:

बांधो के निर्माण में बहुत से क्षेत्रों को लाभ प्राप्त होता है हम बात करेंगे बांधो के प्रमुख लाभों की

  • सिंचाई
  • बाढ़ नियंत्रण
  • पेयजल और औद्योगिक उपयोग हेतु जल
  • जल-विद्युत उत्‍पादन
  • अन्‍तर्देशीय नौपरिवहन
  • मनोरंजन

बांधों के द्व्रारा सिंचाई

  • भारत में लगभग सभी स्थानो पर खेती की जाती है  बांध और जलमार्ग सिंचाई के लिए पानी का भंडारण करते हैं और उपलब्ध कराते हैं ताकि किसान पानी का उपयोग फसलों को उगाने के लिए कर सकें।
  • यह अनुमान है कि वर्ष 2025 तक बांध एवं जलाशयों द्वारा उपलब्‍ध कराई गई सिंचाई से 80% अतिरिक्‍त खाद्यान्‍न उत्‍पादन उपलब्‍ध होगा।
  • बांध का पानी रेगिस्तानी जगहों पर भी पहुंचाया जा सकता है और वहाँ पानी की पूर्ति की जा सकती है।
  • सिंचाई प्रौद्योगिकी में अन्‍य सुधारों द्वारा जल का संरक्षण करने के लिए विकसित उपायों के अतिरिक्‍त जलाशयों पर आधारित अधिक परियोजनाओं का निर्माण करने की आवश्‍यकता है।
  • इनमे मछली पालन भी किया जा सकता है।

पेयजल और औद्योगिक उपयोग हेतु जल:-

  • जैसा की बांधों में जमा पानी ताजा पानी है, इसलिए इसे आसपास के कस्बों और शहरों में पीने के पानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ शहरों को अपना पानी दूसरे राज्यों की नदियों और नालों से मिलता है। पानी को बड़ी नहरों और जलमार्गों के माध्यम से ले जाया जाता है।
  • आज के युग में कल – कारखानो में अधिक मात्रा में पानी की आवश्यता होती है जो की पानी के कार्यो को भी पूरा किया जा सकता है।
  • और यह नदियों में घुलने वाले जहरीले प्रदार्थ को कम किया जा सकता है।

जल विधुत उत्‍पादन:

  • जब बांध से उच्च गति से पानी गुजरता है तो हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर बिजली बनाने के लिए टर्बाइन लगया जाता है। ये मैग्नेट से घिरे धातु के कॉइल से बने होते हैं। चुम्बक बिजली पैदा करने के लिए कॉइल के ऊपर घूमते हैं। बांध से गुजरने वाला पानी चुम्बकों को घुमाता है। बनाई गई ऊर्जा स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त है।
  • ऊर्जा हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • यह जल विधुत स्‍वच्‍छ और नवीनीकरणीय स्‍त्रोत है।

बाढ़ नियंत्रण:

  • बांध बारिश में बाढ़ को रोकने में मदद करते हैं। वे अतिरिक्त पानी को एकत्रित करते है
  • कभी- कभी नदियों में आने वाली बाढें लोगों के जीवन एवं सम्‍पत्ति के साथ बहुत बार विनाशकारी प्रलय रूपी बाढ़ लाती है जिसमे जानवरो के साथ -साथ वनस्पति  समाप्त हो जाती है। बांध के डाऊनस्‍ट्रीम नदी के जल प्रवाह को नियमित करके बाढ़ नियन्‍त्रण के लिए बांध और जलाशयों का प्रभावी प्रयोग किया जा सकता है।

मनोरंजन:

  • बांधो का निर्माण इस प्रकार से करवाया जाता है की उसमे हम घूमने के साथ – साथ हम आस पास के मनमोहक नज़ारे का लुफ्त उठा सकते है।
  • विदेशी पर्यटकों से विदेशी मुद्रा का आगमन होगा।
  • नौकायन, तैराकी, मत्‍स्‍य पालन इत्‍यादि मनोरंजन लाभ हैं। एक आदर्श बहुउद्देशीय परियोजना के सभी लाभों को प्राप्‍त करने के लिए योजना बनाने के स्‍तर पर ही पूरा विचार किया जाता है।

बांधों से होने वाले नुकसान:

  • पुनर्वास
  • पर्यावरण और वन
  • अवसादी मुद्दे
  • सामाजिक-आर्थिक मुद्दे
  • सुरक्षा पहलू

बांध बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापित कर सकते हैं:

जैसा की बांध बनाने के लिए बहुत से गावो को दूसरी जगह बसाया जाता है । चूंकि आसपास के शुष्क क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है, इसलिए हमारे पास अब उस भूमि का उपयोग करने का विकल्प नहीं है जो पहले विभिन्न उद्देश्यों के लिए सुलभ थी। इसका मतलब है कि स्थानीय कृषि गतिविधियाँ एक व्यवधान प्रक्रिया से गुजरती हैं, भले ही उपलब्ध पानी में अंतिम वृद्धि अधिक सिंचाई का समर्थन करती है।

बांधो से पर्यावरण पर असर:

  • जब वनस्पति पानी में समा जाती है, तो पौधे अंततः मर जाते हैं। मृत कार्बनिक पदार्थ मीथेन छोड़ता है जो अंततः वातावरण में अपना रास्ता बनाता है।
  • कुछ क्षेत्रों में बांध का उपयोग भी वनों के नुकसान में योगदान कर सकता है। जब हम एक साथ बड़ी संख्या में पेड़ खो देते हैं
  • ग्रीनहाउस गैसों के उत्पादन में वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि मीथेन कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में परावर्तक के रूप में 20 गुना अधिक शक्तिशाली है।

बांध का निर्माण एक महंगा निवेश है:

बांधो को बनाने के लिए अधिक निवेश और समय की अधिक खपत होती है साथ ही यह पृत्वी के नेविगेशन सिस्टम को प्रभावित करता है

यह तकनीक स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करती है:

बांध एक जलाशय बनाने के तरीके के रूप में संरचना के पीछे बाढ़ का मुद्दा बनाते हैं। यह न केवल मानव गतिविधियों को बाधित करता है, बल्कि यह मौजूदा वन्यजीवों के आवासों को भी नष्ट कर देता है जो मौजूद हैं। यह समस्या पूरे पारिस्थितिक तंत्र को बाधित कर सकती है, जिसका पूरे क्षेत्रीय बायोम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। समुद्री जीवन जो एक नदी के अबाधित प्रवाह पर निर्भर करता है, जैसे कि प्रवासी मछली, पानी को बाँधने के निर्णय से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है।

यदि बांध विफल हो जाते हैं तो बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है:

  • हम बांधों का उपयोग हमें बाढ़ नियंत्रण का एक रूप प्रदान करने के लिए कर सकते हैं, लेकिन इस संरचना की विफलता के डाउनस्ट्रीम समुदायों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
  • यह अपने आस- पास के गावो को अपने अंदर समां लेता है जिससे मनुष्यो के साथ जीव जंतु आदि ख़त्म हो जाते है।

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