Benefits of Caste Oil:– दोस्तों हम आपको पहले ये बता देते है कि जात्यादि तेल एक आयुर्वेदिक तेल है। आयुर्वेद में प्र्त्येक बीमारी का इलाज सम्भव है और इसके नुकसान भी बहुत कम होते है। क्योकि इसे आयुर्वेदिक विधि द्वारा प्राकृतिक जड़ीबूटियों द्वारा तैयार किया जाता है। ये औषधियां सेहत से जुड़ी कई समस्याओं में रामबाण का भी काम करती हैं. आयुर्वेद की इन्हीं औषधियों में से एक है जात्यादि तेल. इस तेल के इस्तेमाल से खुजली, घाव, सूजन और चर्म रोग में भी फायदा होता है। आइये दोस्तों आज के इस लेख में हम जानते है कि Jatyadi Tel ke Fayde, नुकसान है। तथा इसे बनाने की विधि, जो इस प्रकार है।

जात्यादि तेल के गुण (Properties of Caste Oil):- जात्यादि तेल में एंटी-माइक्रोबियल,एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे अनेक गुण मौजूद होते है। जो त्वचा से संबंधित रोगो जैसे दाद, खुजली, एलर्जी, फोड़े-फुन्सी आदि के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जात्यादि तेल किसी जहरीले जानवर के काट जाने पर उसके जहर को कम करने में काफी लाभदायक होता है। जात्यादि में ग्लाइकोसाइड, टैनिन, फ्लैवोनॉइड, स्टेरॉइड, अल्कलॉइड जैसे पदार्थ भी मौजूद होते है।
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जात्यादि तेल के फायदे (Benefits of Caste Oil):
इस तेल के इस्तेमाल से खुजली, घाव, सूजन और चर्म रोग में भी फायदा होता है. इस तेल को प्राकृतिक जड़ीबूटियों से तैयार किया जाता है। आइए जानते हैं कि इसके फायदे क्या-क्या हैं:-
- बवासीर में जात्यादि तेल के फायदे:- बवासीर से पीड़ित रोगियों के लिए जात्यादि तेल एक रामबाण औषधि है। जिसके इस्तेमाल से बवासीर रोग में काफी फायदा मिलता है। इसे आप खुनी बवासीर में भी इस्तेमाल कर सकते है। आप इस तेल को अपने गुदे में सुबह नहाने व मल त्यागने के बाद रुई की सहायता से लगा सकते है। इसके इस्तेमाल से बवासीर से हो रही पीड़ा जैसे खुजली जलन व दर्द में आराम मिलता है।
- घाव पर प्रभावी:- घाव पर प्रभावी जात्यादि तेल का उपयोग घाव को सुखाने में किया जाता है। क्योकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते है। जो घाव को ज्यादा फैलने से रोकता है।
- सूजन और दर्द से आराम:- जात्यादि तेल का उपयोग सूजन व दर्द में भी किया जाता है। क्योकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है। जिसे लगाने से दर्द व सूजन में आराम मिलता है।
- जलन को करे कम:- जात्यादि तेल में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल दोनों ही गुण मौजूद होते हैं।जो स्किन पर हो रहे फंगल इंफेक्शन व बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में लाभदायक होता है। और साथ ही यह स्किन पर हो रही किसी भी प्रकार की जलन को भी कम करता है।
- जात्यादि तेल का उपयोग किसी भी धारदार हतियार से कट जाने पर, जलने पर या गोली के घाव को ठीक करने के लिए किया जाता है।
- पुरानी चोट में लाभदायक:- जात्यादि तेल को पुरानी से पुरानी चोट पर लगाने से काफी आराम मिलता है। इसके लिए जात्यादि तेल की लगी हुई चोट पर रोज मालिस करना चाहिए। और लगभग 10 से 15 दिन में आपको लाभ दिखाई देगा।
- फ़टी एड़ियों के लाभदायक:- फ़टी एड़ियों के लिए जात्यादि तेल बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे लगाने के लिए फ़टी एड़ियों को हल्के गर्म पानी से धोकर यह तेल फ़टी एड़ियों की दरारों पर लगाना चाहिए।
- छालो में पायदेमन्द:- हमारे मुँह में हो रहे छालो पर जात्यादि तेल लगाने से काफी आराम मिलता है।
जात्यादि तेल में Use होने वाली जड़ीबूटियां:- जात्यादि तेल बनाने के लिए निम्न सामग्री की आवश्य्कता होती है:-
क्रम संख्या | औषध द्रव्य का नाम | मात्रा ( ग्राम ) |
1 | हरीतकी | 10.66 |
2 | जातिपत्र | 10.66 |
3 | नीलोत्पल | 10.66 |
4 | तिल तेल | 700 |
5 | दारुहरिद्रा | 10.66 |
6 | मंजिष्ठ | 10.66 |
7 | सारिवा | 10.66 |
8 | करंज | 10.66 |
9 | निम्बपत्र | 10.66 |
10 | पटोल पत्र | 10.66 |
11 | सिक्थ | 10.66 |
12 | हरिद्रा | 10.66 |
13 | लोध्र | 10.66 |
14 | जल | 3 (लीटर) |
15 | तुत्थ | 10.66 |
16 | कुष्ठ | 10.66 |
17 | पद्माख | 10.66 |
18 | करंजपत्र | 10.66 |
19 | मुलेठी | 10.66 |
20 | कुटकी | 10.66 |
जात्यादि तेल बनाने की विधि | Method of Preparation of Caste Oil:-
दोस्तों सबसे पहले किसी मिक्सी या सिलपट्टे की सहायता से जात्यादि तेल में काम आने वाली सभी सामग्री को पानी डालकर पीसकर उसकी लूगद्दी तैयार कर ले। अब तैयार लूगद्दी को तिल के तेल को गर्म करके उसमे डाल देंगे। इस मिश्रण को लगभग 5 से 10 मिनट पकने के बाद ठण्डा कर लेना चाहिए। इसके पश्चात इसे किसी कपड़े या छलनी की सहायता से छान ले, तथा अब इसे किसी कांच की शीशी में डाल लेना चाहिए। इस प्रकार जात्यादि तेल बनकर तैयार हो जाता है।
जात्यादि तेल के नुकसान (Disadvantages of Castor Oil):-
दोस्तों जात्यादि तेल का इस्तेमाल त्वचा से संबधित रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। इससे त्वचा पर कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते है। परन्तु यदि इसका सेवन किया जाये तो हमे उल्टी, दस्त, पेट दर्द, चकर, कब्ज आदि समस्याएं हो सकती है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर या सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:-
जात्यादि तेल कहा से खरीदे?
दोस्तों जात्यादि तेल को आप ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीद सकते हो। क्योकि यह मार्केट में मेडिकल पर आसानी से मिल जाता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट, अमेज़न, मीशो से भी खरीद सकते हो।
क्या जात्यादि तेल का सेवन किया जा सकता है?
दोस्तों जात्यादि तेल का इस्तेमाल त्वचा से संबधित रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। यदि इसका सेवन किया जाये तो हमे उल्टी, दस्त, पेट दर्द, चकर, कब्ज आदि समस्याएं हो सकती है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर या सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।
जात्यादि तेल का इस्तेमाल दिन में कितनी बार करें?
नहाने के बाद जात्यादि तेल को रोगग्रस्त अंग या घाव पर दिन में 3 से 4 बार लगाना चाहिए।
क्या गर्भवती महिलाये बवासीर में जात्यादि तेल का उपयोग क्र सकती है?
जी हा। गर्भवती महिलाये बवासीर जात्यादि तेल का उपयोग कर सकती है। क्योकि बाहरी रूप से इस्तेमाल करने पर यह कोई नुकासन नहीं पहुँचता है।