नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत धातु रूप से बने Chhid Dhatu Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। छिद् धातु का अर्थ है ‘काटना, to cut’। यह रुधादिगण तथा उभयपदी धातु है। सभी रुधादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- रुध्, भिद् आदि। छिद् धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
छिद्धातुकेपांचलकारहोतेहै
छिद् धातु के पांच लकार इस प्रकार है
लट् लकार – वर्तमान काल
लोट् लकार – आदेशवाचक
लङ् लकार – भूतकाल
विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
लृट् लकार – भविष्यत् काल
छिद्धातुकेरूपभीदोप्रकारकेहोतेहै
परस्मैपद
आत्मनेपद
Table of Contents
छिद्धातुकेरूप (Dhatu Roop of Chhid) – परस्मैपद
1 . लट्लकार – वर्तमानकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिनत्ति
छिन्तः
छिन्दन्ति
मध्यमपुरुष
छिनत्सि
छिन्थः
छिन्थ
उत्तमपुरुष
छिनद्मि
छिन्द्वः
छिन्द्मः
Chhid Dhatu Roop
2. लृट्लकार – भविष्यतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छेत्स्यति
छेत्स्यत:
छेत्स्यन्ति
मध्यमपुरुष
छेत्स्यसि
छेत्स्यथ:
छेत्स्यथ
उत्तमपुरुष
छेत्स्यामि
छेत्स्याव:
छेत्स्याम:
Chhid Dhatu Roop
3. लङ्लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
अच्छिनत्
अच्छिन्ताम्
अच्छिन्दन्
मध्यमपुरुष
अच्छिनः
अच्छिन्तम्
अच्छिन्त
उत्तमपुरुष
अच्छिनदम्
अच्छिन्द्व
अच्छिन्द्म
Chhid Dhatu Roop
4. लोट्लकार – आज्ञाकेअर्थमें
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिनत्तु
छिन्ताम्
छिन्दन्तु
मध्यमपुरुष
छिन्धि
छिन्तम्
छिन्त
उत्तमपुरुष
छिनदानि
छिनदाव
छिनदाम
Chhid Dhatu Roop
5. विधिलिङ्लकार – चाहिएकेअर्थमें
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिन्द्यात्
छिन्द्याताम्
छिन्द्युः
मध्यमपुरुष
छिन्द्याः
छिन्द्यातम्
छिन्द्यात
उत्तमपुरुष
छिन्द्याम्
छिन्द्याव
छिन्द्याम
Chhid Dhatu Roop
6. लुङ्लकार – सामान्यभूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
अच्छिदत्
अच्छिदताम्
अच्छिदन्
मध्यमपुरुष
अच्छिदः
अच्छिदतम्
अच्छिदत
उत्तमपुरुष
अच्छिदम्
अच्छिदाव
अच्छिदाम
Chhid Dhatu Roop
7. लिट्लकार – परोक्षभूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
चिच्छेद
चिच्छिदतुः
चिच्छिदुः
मध्यमपुरुष
चिच्छेदिथ
चिच्छिदथुः
चिच्छिद
उत्तमपुरुष
चिच्छेद
चिच्छिदिव
चिच्छिदिम
8. लुट्लकार – अनद्यतनभविष्यकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छेत्ता
छेत्तारौ
छेत्तार:
मध्यमपुरुष
छेत्तासि
छेत्तास्थ:
छेत्तास्थ
उत्तमपुरुष
छेत्तास्मि
छेत्तास्व:
छेत्तास्म:
9. आशिर्लिङ्लकार – आशीर्वादहेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिद्यात्
छिद्यास्ताम्
छिद्यासुः
मध्यमपुरुष
छिद्याः
छिद्यास्तम्
छिद्यास्त
उत्तमपुरुष
छिद्यासम्
छिद्यास्व
छिद्यास्म
10. लृङ्लकार – हेतुहेतुमद्भविष्यकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
अच्छेत्स्यत्
अच्छेत्स्यताम्
अच्छेत्स्यन्
मध्यमपुरुष
अच्छेत्स्यः
अच्छेत्स्यतम्
अच्छेत्स्यत
उत्तमपुरुष
अच्छेत्स्यम्
अच्छेत्स्याव
अच्छेत्स्याम
छिद्धातुकेरूप (Dhatu Roop of Chhid) – आत्मनेपद
1 . लट्लकार – वर्तमानकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिन्ते
छिन्दाते
छिन्दते
मध्यमपुरुष
छिन्त्से
छिन्दाथे
छिन्ध्वे
उत्तमपुरुष
छिन्दे
छिन्द्वहे
छिन्द्महे
2. लृट्लकार – भविष्यतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छेत्स्यते
छेत्स्येते
छेत्स्यन्ते
मध्यमपुरुष
छेत्स्यसे
छेत्स्येथे
छेत्स्यध्वे
उत्तमपुरुष
छेत्स्ये
छेत्स्यावहे
छेत्स्यामहे
3. लङ्लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
अच्छिन्त
अच्छिन्दाताम्
अच्छिन्दत
मध्यमपुरुष
अच्छिन्थाः
अच्छिन्दाथाम्
अच्छिन्ध्वम्
उत्तमपुरुष
अच्छिन्दि
अच्छिन्द्वहि
अच्छिन्द्महि
4. लोट्लकार – आज्ञाकेअर्थमें
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिन्ताम्
छिन्दाताम्
छिन्दताम्
मध्यमपुरुष
छिन्त्स्व
छिन्दाथाम्
छिन्ध्वम्
उत्तमपुरुष
छिनदै
छिनदावहै
छिनदामहै
5. विधिलिङ्लकार – चाहिएकेअर्थमें
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छिन्दीत
छिन्दीयाताम्
छिन्दीरन्
मध्यमपुरुष
छिन्दीथाः
छिन्दीयाथाम्
छिन्दीध्वम्
उत्तमपुरुष
छिन्दीय
छिन्दीवहि
छिन्दीमहि
6. लुङ्लकार – सामान्यभूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
अच्छित्त
अच्छित्साताम्
अच्छित्सत
मध्यमपुरुष
अच्छित्थाः
अच्छित्साथाम्
अच्छिद्ध्वम्
उत्तमपुरुष
अच्छित्सि
अच्छित्स्वहि
अच्छित्स्महि
7. लिट्लकार – परोक्षभूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
चिच्छिदे
चिच्छिदाते
चिच्छिदिरे
मध्यमपुरुष
चिच्छिषे
चिच्छिदाथे
चिच्छिदिध्वे
उत्तमपुरुष
चिच्छिदे
चिच्छिदिवहे
चिच्छिदिमहे
8. लुट्लकार – अनद्यतनभविष्यकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छेत्ता
छेत्तारौ
छेत्तार:
मध्यमपुरुष
छेत्तासे
छेत्तासाथे
छेत्ताध्वे
उत्तमपुरुष
छेत्ताहे
छेत्तास्वहे
छेत्तास्महे
9. आशिर्लिङ्लकार – आशीर्वादहेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
छित्सीष्ट
छित्सीयास्ताम्
छित्सीरन्
मध्यमपुरुष
छित्सीष्ठाः
छित्सीयास्थाम्
छित्सीध्वम्
उत्तमपुरुष
छित्सीय
छित्सीवहि
छित्सीमहि
10. लृङ्लकार – हेतुहेतुमद्भविष्यकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमपुरुष
अच्छेत्स्यत
अच्छेत्स्येताम्
अच्छेत्स्यन्त
मध्यमपुरुष
अच्छेत्स्यथाः
अच्छेत्स्येथाम्
अच्छेत्स्यध्वम्
उत्तमपुरुष
अच्छेत्स्ये
अच्छेत्स्यावहि
अच्छेत्स्यामहि
आपको यह लेख (पोस्ट) कैंसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएँ। gk-help.com पर शीघ्र ही आपके कमेंट का जवाब देगी।