Computer Full Form: Computer ka Avishkar Kisne Kiya: विभिन्न पीढ़ियाँ, या Computer क्या है?

Computer Definition in Hindi/ परिभाषा:- कंप्यूटर शब्द ,लैटिन भाषा के “कंप्यूट” से लिया गया है। जिसका अर्थ “गणना“(Calculation) है। शुद्ध हिंदी भाषा में कंप्यूटर को संगणक कहा जाता है। कंप्यूटर एक प्रकार की मशीन या एक ऐसा इलेक्ट्रोनिक यंत्र है।

What is Computer (कंप्यूटर क्या है?)

computer

Computer एक इलेक्ट्रोनिक यंत्र मशीन है जो अपनी मेमोरी में मौजूद दिशा निर्देशों के आधार पर काम करता है यह डाटा इनपुट को ग्रहण कर उसे तय नियमों के अनुसार प्रोसेस कर परिणाम दिखाता है। और साथ ही भविष्य में इस्तेमाल के लिए उसे हार्ड डिस्क में स्टोर कर लेता है।

Computer Ka Avishkar Kisne Kiya:

कंप्यूटर का आविष्कारक “चार्ल्स बैबेज” (Charles Babbage) को कहा जाता है। इन्हें कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। Charles Babbage नें 1822 में “डिफरेंशिअल इंजन” नाम के मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कार किया था। इसके बाद United States Navy ने 1938 में इलेक्ट्रो मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था।

Full Form of Computer in Hindi (कंप्यूटर की फुल फॉर्म है)

Computer full form

C = Common
O = Operating
M = Machine
P = Particularly
U = Used For
T = Technology
E = Education &
R = Research
Note:- कंप्यूटर को बनाते समय इसको वास्तविक कोई भी फुल फॉर्म नहीं दिया गया चूंकि कंप्यूटर शब्द की उत्पति “कंप्यूट” शब्द से हुई है लेकिन कुछ लोगो ने इस शब्द को कुछ इस तरह विस्तृत (Expand) रूप किया है

कंप्यूटर का परिचय :-

आज के ज़माने में कंप्यूटर केवल सीमित क्षेत्रों तक ही नहीं रहा आज इसका इस्तेमाल सभी क्षेत्रों में अनिवार्य हो गया है। पर्सनल कंप्यूटर गणना, डिजाइन और प्रकाशन प्रयोजनों के लिए छात्रों, इंजीनियरों, रचनात्मक लेखकों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

लोग अब पूछताछ, बैंकिंग, शॉपिंग और कई और अधिक अनुप्रयोगों के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं। कंप्यूटर की सहायता से स्टूडेंट्स अपनी स्टडी घर बैठे कर रहे है इंटरनेट प्रौद्योगिकी से दुनिया में किसी भी कोने से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी पा सकते है।

कंप्यूटर का इतिहास:-

साधारण भाषा में कप्यूटर की पीढ़ी बढ़ने पर उसमे और दक्षता में वृद्धि होती है। समय के गुजरने के साथ-साथ नए प्रौद्योगिकीय नवाचारों ने जगह ली है तथा समय और प्रसंस्करण की लागत में कमी आती है।

कंप्यूटर का विकास 16 शताब्दी में हुआ 50 सालो में हुआ विकास और उनके बारे में या कंप्यूटर के पीढ़िया या जनेरेशन निम्लिखित है।

प्रथम पीढ़ी (1942 से 1956):-

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर को प्रोग्राम करना बहुत ही कठिन होता था। क्योकि उनमे Vacuum Tube Thermionic वाल्व का Use किया गया है ये साइज में बहुत बड़े और भार भी बहुत ज्यादा होते थे

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम

  1. ENIAC
  2. UNIVAC
  3. EDSAC
  4.  EDVAC आदि।

1. एनिअस या एनिऐक (ENIAC) कंप्यूटर क्या है?

इसका (ENIAC) पूरा नाम इलेक्ट्रौनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कंप्यूटर है। ENIAC खोज या इसकी डिज़ाइन की कल्पना पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के जॉन मौच्ली और जे. प्रेसपर एकर्ट द्वारा की गई
17,468 वैक्यूम ट्यूब, 7200 क्रिस्टल डायोड, 1500 रिले, 70,000 रेसिसटर, 10,000 कपेसीटर का उपयोग किया गया था और लगभग 50 लाख हाथ से जोड़े हुए जोड़ लगे हुए थे. इसका वजन 30 शॉर्ट टन (27 टन) था ENIAC कंप्यूटर 160 किलोवाट बिजली की खपत करता था
आज के युग कंप्यूटर के ENIAC के कई गुना शक्तिशाली और सक्षम है।

2. एडसैक (EDSAC) कंप्यूटर क्या है

EDSAC कंप्यूटर का पूरा नाम Electronic delay storage automatic calculator कंप्यूटर था EDSAC का निर्माण इंग्लैंड में कैम्ब्रिज गणितीय प्रयोगशाला विश्वविद्यालय में मौरिस विल्क्स और उनकी टीम द्वारा किया गया था। यह कंप्यूटर नियमित सेवा में जाने वाला कंप्यूटर था
EDSAC दूसरा इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल स्टोर-प्रोग्राम कंप्यूटर था।

3. एडवैक EDVAC क्या है

EDVAC का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक डिस्क्रीट वेरिएबल ऑटोमैटिक, कंप्यूटर है EDVAC स्वचालित जोड़, घटाव, गुणा, प्रोग्राम करने में सक्षम और
इसका औसत गुणन समय 2,900 माइक्रोसेकंड औसत जोड़ समय 864 माइक्रोसेकंड था
इनमे अल्ट्रासोनिक सीरियल मेमोरी के साथ स्वचालित जांच 1,000 34-बिट शब्दों की क्षमता थी। इस कंप्यूटर में अनुदेशो का आदान प्रदान करने की क्षमता बहुत तेज थी

4. UNIVAC क्या है

UNIVAC की फुल फॉर्म यूनिवर्सल ऑटोमैटिक कंप्यूटर है। J-Eckert और John Mauchly या Eckert-Mauchly Computer Corporation द्वारा निर्मित था तथा व्यावसायिक उपयोग के लिए पहला सामान्य-उद्देश्य वाला कंप्यूटर था।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण:-

  • उस समय ये अकेले तीव्र गणना करने वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्र थे। जो मिलीसेकंड में गणना कर सकते थे ये आम कार्यो के लिए नहीं बने थे।
  • इनको बनाने के लिए वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग हुआ जो की बहुत ही संख्या में प्रयोग में लाया गया।
  • उस समय वैक्यूम ट्यूब अकेले इलेक्ट्रॉनिक कपोनेट थे।

सीमाये:-

  • आकार में बहुत ही विशाल थे और वजन में भी बहुत भारी थे
  • महंगे और खर्चीले थे
  • विश्वसनीय नहीं थे
  • नियमित रूप से वैक्यूम Tubes होने के कारण बहुत ज्यादा गर्म हो जाते थे
  • गर्म होने के कारण इनको वातानुकूलित करना आवश्यक था
  • ये बहुत ज्यादा महगें होने के कारण आम व्यवसाय में काम नही आते थे
  • हार्डवेयर के टूट फुट हो या कोई खराबी हो जाने की अधिक सम्भवनाये रहती थी
  • इनकी मेंटनेस का खर्च भी अधिक था

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी – (1956 से  1963)

Second Generation Computers  में वैक्यूम ट्यूबों के जगह ट्रांजिस्टर ले ली ये अपेक्षाकर्ते छोटे होते है। और फास्टर काम करते है प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के तुलना में कम हीट करते थे जिससे उसकी काम करने के क्षमता अधिक हो गयी थी।
इनमे हाई लैंग्वेज जैसे Cobol, Fortran का उपयोग किया गया Second Generation of Computer में Central processing unit (CPU) और Memory (स्मृति) का उपयोग भी होने लगा था

द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम:

  1. IBM 7090
  2. CDC 3600
  3. IBM 1401
  4. Honeywell 400, UNIVAC 1108, CDC 1604, CDC 3600 जैसे अन्य कंप्यूटर शामिल हैं।

आईबीएम 7090

2.18 μs के मूल मेमोरी चक्र के साथ संचालित होता है इसकी काम के क्षमता 6 गुना अधिक थी

सीडीसी 3600

  • ये कंप्यूटर आकार में बड़े होते है। और इनको बड़े कार्यो के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।

सीमाये:-

  • इनकी पुर्जो की कीमत अभी भी महंगे थे
  • इनको भी वातनाकुलित रखना पड़ता था।
  • मेंटेनेंस खर्च अभी भी उतना ही था।

लाभ:-

  • ये कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी से बहुत कारणों से अच्छे थे।
  • ये प्रथम पीढ़ी से विश्वसनीय थे।
  • गणना समय मिलीसेकंड (ms) से माइक्रोसैकेण्ड (μs)हो गया
  • हार्डवेयर के टूट फुट कम होने के साथ पार्ट्स को बदलने में भी आसानी होने लगी।

तृतीय पीढ़ी (1964 से 1971):-

  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (आई.सी.) का इस्तेमाल किया गया था। एक एकल आईसी ट्रांजिस्टर, प्रतिरोधों और कैपेसिटर की एक बड़ी संख्या को एक साथ संगठित कर के रख सकता है
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटरों द्वारा इनपुट आउटपुट के लिए कीबोर्ड और मॉनिटर आदि का इस्तेमाल किया गया था। ऑपरेटिंग सिस्टम की अवधारणा को भी इसी समय पेश किया गया था।
  • इस पीढ़ी में, समय साझा (टाइम शेयरिंग) और ऑपरेटिंग सिस्टम (मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम) की अवधारणा को पेश किया गया था | कई नई उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं, जैसे फोरट्रान, IV, पास्कल, बेसिक इत्यादि की शुरुआत इस पीढ़ी में हुई

तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम:

  1. IBM 360
  2. IBM 370
  3. PDP-8
  4. PDP-11
  5. ICL 2900 आदि।

लाभ:-

  • इनकी गणना की क्षमता भी अधिक तेज थी जो माइक्रो सेकंड  (μs) से नेनो सेकंड (ns) में हो गयी।
  • इसमे टूट फुट कम होती है।
  • इनकी कार्य करने की क्षमता भी अधिक थी।
  • ये आम व्यवसाय में भी उपयोगी थे।
  • आकार में छोटे होने की वजह से आसानी से वहनीय थे।
  • कम ऊर्जा से संचालित हो सकते थे
  • श्रम और समय की बचत होती है

सीमाएं:-

  • इन कम्प्यूटर्स में भी वातानुकूलित वातावरण की आवश्यकता होती थी।
  • नियमित रख रखाव जरुरी था।

चतुर्थ पीढ़ी (1975 से 1988):-

इस जनरेशन के कम्प्यूटर्स में माइक्रो प्रोससर की शुरुआत हुई जिसमे हजारो IC एक एकल चिप के एके सिलिकॉन चिप पर निर्मित की जा सकती थी चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर VLSI (Very large Scale Integration/एकीकृत सर्किट) की तकनीक से हुआ था। इसके प्रयोग से छोटे कम्प्यूटर्स का निर्माण हुआ जिसे PC (personal computer) या डेस्कटॉप कंप्यूटर कहते है। साथ ही इसमें उच्च स्तरीय भाषा जैसे C, C+++ डाटाबेस का उपयोग किया गया।

चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम:

  1. IBM 4341,
  2. PUP 11,
  3. DEC 10
  4. STAR 1000 आदि।

लाभ

  • इनकी गणना की क्षमता भी अधिक तेज थी जो नेनो सेकंड (ns) से पिको सेकंड (ps) में हो गयी।
  • ये कंप्यूटर पिछले जनरेशन के कम्प्यूटर्स से बहुत कम खर्चीले थे।
  • वातनुकूलन की अधिक आवश्यकता नहीं है।
  • इनके पार्ट्स को आसनी से बदला जा सकता था।
  • पार्ट्स की टूट फुट बहुत कम हो गयी

सीमाएं:-

  • इनकी चिप्स और पार्ट्स को बनाने में उन्नत किस्म की टेक्नोलॉजी की आवश्यकता थी

पंचम पीढ़ी (1988 से अब तक):-

पांचवी पीढ़ी जिसे ULSI (Ultra-Large Scale Integration) भी जाता है इस पीढ़ी में AI Technology की अवधारणा का भी उपयोग किया उच्च स्तरिय प्रोग्रामिंग भाषाओ जैसे Java,VB और नेट की शुरुआत इसी पीढ़ी से की गयी है।  इस पीढ़ी में Voice Recognition Tchnology, मोबाइल संचार , Image कन्ट्रोल SIGNAL DATA प्रोसेसिंग इसी पीढ़ी से शुरू की गयी

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम:

  1. Desktop
  2. Laptop
  3. UltraBook
  4. NoteBook
  5. और Chromebook आदि।

लाभ :-

  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर का मल्टीमीडिया के क्षेत्र साउंड, इमेज, टेक्स्ट, ग्राफ आदि बहुत विकास हुआ है
  • AI टेकनोलॉजी और भी फ़ास्ट बनती है इनमें निर्णय लेने की क्षमता स्वयं होती है।
  • पहले की तुलना में इन कम्प्यूटरों की Heating कम होने के कारण इन कम्प्यूटरों की कार्य क्षमता अधिक हुई है।
  • पांचवी पीढ़ी में मुख्य रूप से भारत में निर्मित PARAM सुपर कम्प्यूटर शामिल हैं।

पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर के अभाव:-

  • इसमें कई लोगो के कार्य करने की समता है इसलिए रोजगार की कमी आयी है
  • मानव का पूरी तरह कम्प्यूटर पर निर्भरता होने से स्वविवेक की कमी का होना

Computer Full Form

  • C = Common
  • O = Operating
  • O = Operating
  • M = Machine
  • P = Particularly
  • U = Used For
  • T = Technology
  • E = Education &
  • R = Research
  • Computer ki full form

    COMPUTER ka full form: Common Operating Machine Purposely used for Technological and Educational research.

    Computer Definition in Hindi

    कंप्यूटर शब्द ,लैटिन भाषा के “कंप्यूट” से लिया गया है। जिसका अर्थ “गणना“(Calculation) है। शुद्ध हिंदी भाषा में कंप्यूटर को संगणक कहा जाता है। कंप्यूटर एक प्रकार की मशीन या एक ऐसा इलेक्ट्रोनिक यंत्र है।

    Aadhunik Computer ke Janak Kon Hai?

    एलन ट्यूरिंग को आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान का पिता मानते हैं

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