नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत शब्द रूप से बने Gopi Shabd Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। अक्सर कक्षा 6,7,8,9,10 के विद्यार्थियों को गोपी शब्द रूप के बारे में पूछा जाता है। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए शब्द के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक शब्द के कई रूप हो सकते है। हमने गोपी शब्द के रूप लिखे है। संस्कृत भाषा में वाक्य बनाने के लिए शब्दों के रूप बनाने पड़ते है अतः वाक्य के निर्माण के लिए एक शब्द के अनेक रूप होने आवश्यक है। गोपी शब्द ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द है। सभी ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- गृहिणी, काली, गौरी, जननी, देवी, तरी, जगती, आदि।
गोपी शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Gopi Shabd Roop in Sanskrit
गोपी शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | गोपी | गोप्यौ | गोप्यः |
द्वितीया | गोपीम् | गोप्यौ | गोपीः |
तृतीया | गोप्या | गोपीभ्याम् | गोपीभिः |
चतुर्थी | गोप्यै | गोपीभ्याम् | गोपीभ्यः |
पंचमी | गोप्याः | गोपीभ्याम् | गोपीभ्यः |
षष्ठी | गोप्याः | गोप्योः | गोपीनाम् |
सप्तमी | गोप्याम् | गोप्योः | गोपीषु |
सम्बोधन | हे गोपि! | हे गोप्यौ! | हे गोप्यः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से गोपी शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।