नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत धातु रूप से बने Mra Dhatu Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। मृ धातु का अर्थ है ‘मरना, to die’। यह तुदादिगण तथा आत्मनेपदी धातु है। सभी तुदादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- क्षिप्, तुद्, इष्, मिल्, मुच्/मुञ्च्, स्पृश्, विश्, प्रछ्/प्रच्छ्, सिच्/सिञ्च आदि। मृ धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
Table of Contents
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
म्रियते
म्रियेते
म्रियन्ते
मध्यम पुरुष
म्रियसे
म्रियेथे
म्रियध्वे
उत्तम पुरुष
म्रिये
म्रियावहे
म्रियामहे
Mra Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मरिष्यते
मरिष्येते
मरिष्यन्ते
मध्यम पुरुष
मरिष्यसे
मरिष्येथे
मरिष्यध्वे
उत्तम पुरुष
मरिष्ये
मरिष्यावहे
मरिष्यामहे
Mra Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अम्रियत
अम्रियेताम्
अम्रियन्त
मध्यम पुरुष
अम्रियथाः
अम्रियेथाम्
अम्रियध्वम्
उत्तम पुरुष
अम्रिये
अम्रियावहि
अम्रियामहि
Mra Dhatu Roop
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
म्रियताम्
म्रियेताम्
म्रियन्ताम्
मध्यम पुरुष
म्रियस्व
म्रियेथाम्
म्रियध्वम्
उत्तम पुरुष
म्रियै
म्रियावहै
म्रियामहै
Mra Dhatu Roop
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
म्रियेत
म्रियेयाताम्
म्रियेरन्
मध्यम पुरुष
म्रियेथाः
म्रियेयाथाम्
म्रियेध्वम्
उत्तम पुरुष
म्रियेय
म्रियेवहि
म्रियेमहि
Mra Dhatu Roop
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमृत
अमृषाताम्
अमृषत
मध्यम पुरुष
अमृथाः
अमृषाथाम्
अमृढ्वम्
उत्तम पुरुष
अमृषि
अमृष्वहि
अमृष्महि
Mra Dhatu Roop
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मम्रे
मम्राते
मम्रिरे
मध्यम पुरुष
मम्रिषे
मम्राथे
मम्रिध्वे
उत्तम पुरुष
मम्रे
मम्रिवहे
मम्रिमहे
Mra Dhatu Roop
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मर्ता
मर्तारौ
मर्तार:
मध्यम पुरुष
मर्तासे
मर्तासाथे
मर्ताध्वे
उत्तम पुरुष
मर्ताहे
मर्तास्वहे
मर्तास्महे
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मृषीष्ट
मृषीयास्ताम्
मृषीरन्
मध्यम पुरुष
मृषीष्ठाः
मृषीयास्थाम्
मृषीढ्वम्
उत्तम पुरुष
मृषीय
मृषीवहि
मृषीमहि
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमरिष्यत
अमरिष्येताम्
अमरिष्यन्त
मध्यम पुरुष
अमरिष्यथाः
अमरिष्येथाम्
अमरिष्यध्वम्
उत्तम पुरुष
अमरिष्ये
अमरिष्यावहि
अमरिष्यामहि
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