Patra Lekhan in Hindi: आज के इस लेख में हम बात करेंगे पत्र लेखन की – पत्र लेखन कितने प्रकार एक होते है? पत्र को कैसे लिखा जाता है? पत्र की परिभाषा क्या है? इस सभी के बारे में बात करेंगे

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पत्र की परिभाषा या पत्र का अर्थ/ Patra lekhan:
पत्र लेखन एक प्रकार की कला है जो दो व्यक्ति या दो व्यापारी परस्पर बात करने के लिए या उनके बीच बातचीत और जानकारी सूचनाओं आदान – प्रदान करने के लिए पत्र लिखते है। पत्र लेखन में दो प्रकार के पारिवारिक जीवन और व्यापरियों के और सरकारी और प्राइवेट अधिकारियों के बीच किसी बात को लिखकर संबंध स्थापित किया जा सकता है। पत्र लेखन का कार्य अत्यंत प्रभावशाली होता है। यह इलेक्ट्रॉनिक सन्देश से अधिक प्रभावी होता है।
Hindi Letter Writing Format/पत्र लेखन के प्रकार:
पत्रों को लिखने के निम्न दो प्रकार होते है –
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
औपचारिक पत्र (Formal Letter):
वह पत्र जो किसी संगठन के औपचारिक नियमों और विनियमों के अनुसार लिखा जाता है, औपचारिक पत्र कहलाता है। इस प्रकार का पत्र हमेशा कार्यालय की औपचारिकताओं का कड़ाई से पालन करता है।
- प्रार्थना पत्र
- सरकारी पत्र
- गैर सरकारी पत्र
- व्यावसायिक पत्र
- किसी अधिकारी को पत्र
- नौकरी के लिए आवदेन हेतु
- कार्यालय के लिए पत्र
औपचारिक पत्र: वह पत्र जो किसी संगठन के औपचारिक नियमों और विनियमों का पालन करते हुए व्यवस्थित रूप से लेखा जाता है औपचारिक पत्र कहलाता है।
इस प्रकार का पत्र हमेशा कार्यालय की औपचारिकताओं का कड़ाई से पालन करता है। संस्थागत और व्यावसायिक पत्र इस श्रेणी में आते हैं।
व्यावसायिक पत्र: इस प्रकार के पत्र में व्यावसायिक जानकारी होती है और जो दो व्यवसायियों के बीच लिखा जाता है, व्यावसायिक पत्र या व्यावसायिक पत्र कहलाता है। वाणिज्यिक पत्र में व्यापार पूछताछ, परिपत्र, आदेश, शिकायत, दावे, समायोजन, व्यापार पूछताछ से संबंधित संग्रह, परिपत्र, समायोजन, संग्रह आदि से संबंधित जानकारी शामिल है।
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आधिकारिक पत्र: जब पत्र को आधिकारिक जानकारी जैसे नियम, विनियम, तथ्य और आंकड़े, गतिविधियों, प्रणाली, प्रक्रिया आदि से युक्त लिखा जाता है, तो इसे आधिकारिक पत्र कहा जाता है। इसमें सिमित शब्द की वाणी के साथ लिखा जाता है आधिकारिक पत्र कार्यालय के निर्धारित नियमों, विनियमों, संरचना और शैली का कड़ाई से पालन करता है।
शिकायत Patra Lekhan: किसी के सरकारी कर्मचारी या आधिकारिक शिकायतों के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसमें कुछ गलतिया बताई जाती है और उन गलतियों से होने वाली हानियाँ या दुर्घटनाएँ का विशलेष्ण होता है। उपर्युक्त श्रेणियों के अलावा कुछ अन्य पत्र भी हैं जैसे बैंक पत्र, सार्वजनिक पत्र, स्तरीय पत्र, वेतन वृद्धि पत्र, अनुमति पत्र आदि
अनौपचारिक या व्यक्तिगत Patra Lekhan:
वह पत्र जो किसी औपचारिक नियम का पालन नहीं करता है और जिसमें व्यक्तिगत जानकारी होती है उसे अनौपचारिक या व्यक्तिगत पत्र के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार का पत्र रिश्तेदारों और दोस्तों को समाचार या भावनाओं का आदान-प्रदान करने मांगने के लिए लिखा जाता है। व्यक्तिगत पत्र लिखने का आधार व्यक्तिगत संबंध है।
- शादी का निमंत्रण
- माता-पिता, पापा, भाई, बहन आदि को पत्र लिखना
- एक व्यक्ति की भलाई के लिए पत्र
- एक समारोह के लिए एक दोस्त को आमंत्रित करना कहें जन्मदिन के लिए पत्र लिखना।
- परिवार या दोस्तों में किसी के समाराहों या निधन की सूचना देना
- किसी मित्र को उसकी सफलता या उपलब्धि के लिए बधाई देना के लिए पत्र
Hindi me Patra Lekhan/Patra Lekhan in Hindi:
जैसा की आपने ऊपर पढ़ा की हिंदी में कितने प्रकार से पत्र लिखा जा सकता है। आपको पता है की औपचारिक पत्र (Formal Letter), अनौपचारिक पत्र को हम किनको लिखते है अब हम बात करेंगे की Formal Letter in hindi – Informal Letter in hindi कैसे लिखे
औपचारिक पत्र (Formal Letter in Hindi)/ औपचारिक पत्र कैसे लिखे:
- औपचारिक पत्र (Formal Letter) बाईं ओर से ‘सेवा में‘ श्रीमान , महोदय , माननीय , मान्यवर शब्द लिखकर, पत्र पाने वाले का नाम लिखकर, पाने वाले के लिए उचित सम्बोधन – प्रार्थी , विनीत ,भवदीय या भवदीया का प्रयोग किया जाता है।
- इसके बाद पत्र पर पत्र पाने वाले का “पता/ कार्यालय का नाम” लिखा जाता है।
- इसके बाद लिखने के उद्देश्य “विषय” को संक्षिप्त (छोटे शब्दों) शब्दों में लिखा जाता है।
- विषय के बाद सम्बोधन शब्द को लिखा जाता है
- मुख्य विषय का अंत करते समय उत्तर कि प्रतीक्षा में, सधन्यवाद, आदि का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- इसके बाद पत्र के अंतिम भाग में “भवदीय, आपका आभारी, इत्यादि शब्द लिखे जाने चाहिए।
- पत्र भेजने वाले का “नाम/कंपनी का नाम, पता ,दिनांक” लिखकर और हस्ताक्षर किए जाते है।
अनौपचारिक पत्र (Informal Letter in Hindi)/ अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप – अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें?
किसी मित्र को अनौपचारिक पत्र के प्रारूप में निम्नलिखित बातें शामिल होनी चाहिए:
- प्रेषक का पता
- पत्र लिखने की तिथि
- रिसीवर का पता
- अभिवादन/अभिवादन
- पत्र का मुख्य भाग
- निष्कर्ष
- प्रेषक के हस्ताक्षर
अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका
- [प्रेषक का पता]
- दिनांक:
- प्रिय (व्यक्ति का नाम)
- पत्र का मुख्य भाग:
- पैराग्राफ 1: व्यक्ति की भलाई या हालचाल के लिए पूछें
- पैराग्राफ 2: पत्र लिखने का मुख्य कारण
- पैराग्राफ 3: निष्कर्ष और पत्र का अंत
- आपका प्यार से,
- प्रेषक का नाम
औपचारिक पत्र का प्रारूप (Formal Letter in Hindi):
औपचारिक पत्र का प्रारूप
पता………
दिनांक.…..
सेवा में.………………………. …………
विषय:….
श्रीमान जी, प्रार्थी , विनीत ,भवदीय या भवदीया
……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………… ………… ………………
धन्यवाद आपका आज्ञाकारी / आभारी, नाम.
ज्वार पीड़ित होने के कारण 1 दिन के अवकाश के संबंध में प्रार्थना पत्र प्रधानाचार्य महोदय, राजकीय भारती विधालय जयपुर राजस्थान, दिनांक: 20/05/2022 विषय – ज्वार पीड़ित होने के कारण 1 दिन के अवकाश के संबंध में प्रार्थना पत्र। सेवा में महोदया, सविनय निवेदन इस प्रकार है, कि मै आपकी विद्यालय कक्षा 12th Sci. का छात्र हूं और कल विद्यालय से घर जाने के समय में भारी बारिश होने के कारण में बुखार से संक्रमित हो गया था और 2 दिन तक में विद्यालय आने में असमर्थ हूं। महोदया मैं आपसे निवेदन करता हूं कि मुझे 1 दिन के अवकाश देने की कृपा करें, ताकि मैं जल्दी ठीक होकर विद्यालय आ सकूं। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी शिष्य दीप सिंह कक्षा 12th साइंस |
विद्यालय में रक्तदान शिविर आयोजित कराने संबंध में सेवा में, प्रधानाचार्य महोदय, राजकीय भारती विधालय जयपुर राजस्थान, दिनांक:- 20/05/2022 विषय – विद्यालय में रक्तदान शिविर आयोजित कराने संबंध में। मान्यवर महोदय, मैं आपके विद्यालय की कक्षा दशवीं की छात्रा हूं तथा विद्यालय के छात्र परिषद की अध्यक्ष हूं। महोदय, हम सभी छात्रों की इच्छा है कि इस बार विद्यालय में रक्तदान शिविर का आयोजन कराया जाए। इससे विद्यार्थियों में परोपकार तथा समाज सेवा की भावना विकसित होगी। रक्तदान शिविर से संबंधित सारी व्यवस्थाएं के लिए हमें विद्यालय की ओर से सहयोग चाहिए। इसके साथ ही इस सारे आयोजन में विद्यालय की और अभिभावक संघ का सहयोग भी अपेक्षित है। आशा है हम सभी छात्रों की इस इच्छा को देखते हुए हमें इस कार्य के प्रबंधन में विद्यालय की ओर से पूर्ण सहयोग मिलेगा। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी शिष्य डीप सिंह |
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप /Patra Lekhan in Hindi
दिनांक :…………………………
(रहने का स्थान)
(शहर का नाम, ज़िला, राज्य)…………….
प्रिय/ आदरणीय/ आदरणीया/ पूजनीय/ पूजनीया
(सप्रेम नमस्ते/ सप्रेम स्नेहाशीष/ सादर चरण स्पर्श)
मैं/हम हम यहाँ कुशलपूर्वक है और आशा करता करते हूँ। हैं के तुम/आप भी वहा सकशल होगे/होंगे।
मेरे/हमारे उस पत्र का उद्देश्य……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..
तुम्हारा/ आपका (संबंध)
प्रेषक का प्रथम नाम केवल
औपचारिक पत्र (Formal Letter) और अनौपचारिक पत्र (Informal Letter in Hindi) में अंतर:
औपचारिक पत्र (Formal Letter): प्रार्थना पत्रसरकारी पत्रगैर सरकारी पत्रव्यावसायिक पत्रकिसी अधिकारी को पत्रनौकरी के लिए आवदेन हेतुकार्यालय के लिए पत्र | अनौपचारिक पत्र (Informal Letter in Hindi) माता-पिता, पापा, भाई, बहन आदि को पत्र लिखनाएक व्यक्ति की भलाई के लिए पत्र |
औपचारिक पत्रों को सरकारी सूचनाओं तथा संदेशों का विश्लेषण होता है | अनौपचारिक पत्रों निजी तोरे पर लिखा जाता है जिसमे परिवारिक, निजी सगे संबंधियों, मित्रों आदि को लिखा जाता है। |
अनौपचारिक पत्रों में शिष्ट भाषा का प्रयोग किया जाता है। | इन पत्रों का उपयोग सामान्य या भावात्मक भावात्मक, स्नेह, दया, सहानुभूति आदि भावनाओं से परिपूर्ण भाषा का दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है। |
इन पत्रों महत्व विशेष कार्यो के लिए होता है। | अनौपचारिक पत्रों को लिखने का कोई मुख्य उद्देश्य नहीं होता है। इनका उपयोग सामान्य बातचीत के लिए भी किया जाता है |
औपचारिक पत्रों को लिखने का एक औपचारिक उद्देश्य होना आवश्यक होता है। | किसी निजी जन को बधाई देने हेतु, शोक सूचना देने हेतु, विवाह, जन्मदिवस पर आमंत्रित करने हेतु, आदि के लिए इन्हीं पत्रों का प्रयोग किया जाता है। |
औपचारिक पत्रों में मुख्य विषय को मुख्यता तीन अनुच्छेदों में विभाजित किया जाता है। | हर्ष, दुःख, उत्साह, क्रोध, नाराज़गी, सलाह, सहानुभूति इत्यादि भावनाओं को अनौपचारिक पत्र के माध्यम से व्यक्त करना। |
औपचारिक पत्र क्या है?
एक औपचारिक पत्र एक व्यवस्थित और पारंपरिक भाषा में लिखा जाता है और एक विशिष्ट निर्धारित प्रारूप का पालन करता है। ये पत्र केवल आधिकारिक उद्देश्यों के लिए लिखे जाते हैं, जैसे प्रबंधक को पत्र लिखना, मानव संसाधन प्रबंधक को, किसी कर्मचारी को, कॉलेज या स्कूल के प्रधानाचार्य को, शिक्षक को, आदि।
पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
मोटे तौर पर पत्र दो प्रकार के होते हैं –
औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र
लेकिन पत्रों का वर्गीकरण भी सामग्री, औपचारिकताओं, पत्र लेखन के उद्देश्य आदि पर आधारित होता है।
औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
इस्तीफा पत्र
निमंत्रण पत्र
शिकायत पत्र
व्यावसायिक पत्र
आधिकारिक पत्र
नियुक्ति पत्र
अनुभव पत्र
प्रस्ताव पत्र
सामाजिक पत्र
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप कैसे होता है?
प्रेषक का पता
पत्र लिखने की तिथि
रिसीवर का पता
अभिवादन/अभिवादन
पत्र का मुख्य भाग
निष्कर्ष
प्रेषक के हस्ताक्षर
अनौपचारिक पत्र लिखने का तरीका का सही तरीका सीखे।
[प्रेषक का पता]
दिनांक:
प्रिय (व्यक्ति का नाम)
पत्र का मुख्य भाग:
पैराग्राफ 1: व्यक्ति की भलाई या हालचाल के लिए पूछें
पैराग्राफ 2: पत्र लिखने का मुख्य कारण
पैराग्राफ 3: निष्कर्ष और पत्र का अंत
आपका प्यार से,
प्रेषक का नाम