पितृ गायत्री मंत्र | Pitra Gaytri Mantra

Pitra Gaytri Mantra:- भाद्रपद की पूर्णिमा से आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या अर्थात सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या तक 16 दिन तक श्राद्ध पक्ष रहता है। इस बार 20 सितंबर 2021 से श्राद्ध प्रारंभ हो रहे हैं। सभी जाने और अनजाने पितरों हेतु इस दिन निश्चित ही श्राद्ध किया जाना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान पितृ गायत्री मंत्र का जप भी शुभ कार्य व पुण्य दाई माना जाता है।

Pitra Gaytri Mantra

|| Pitra Gaytri Mantra ||

ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च ।
नमः स्वाहायै स्वाधायै नित्यमेव नमो नमः ॥
ॐ पितृभ्यो नमः ॥

मंत्र का मूल रूप
ॐ सिद्धमिदमासनमिह सिद्धमित्यभिधाय ॐ भूः ॐ भुवः ॐ स्वः ॐ महः
ॐ जनः ॐ तपः ॐ सत्यमिति सप्तव्याहृतिभिः पूर्वमुखन्देवब्राह्मणोपवेशनम् ।
उत्तरदिङ्मुखंपितृब्राह्मयोणोपवेशनम् ।
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च ।
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव भवन्तुते इति त्रिर्जपेत् ॥ १,२१८.६॥
गरुडपुराणम् / आचारकाण्डः / अध्यायः २१८ / ६

Pitra Gaytri Mantra


पितरों के लिए कौन सा मंत्र बोला जाता है?

ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्। ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।

पितरों को शांत कैसे करें?

पितृ पक्ष शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल अर्पित करें. पितृ दोष शांति के लिए ये उपाय बहुत कारगर है. पितृ पक्ष में रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं।

पितरों के लिए कौन सा दीपक लगाना चाहिए?

गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना गया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *