Sabad Roop in Hindi Grammar: What Is Shabd Roop In Hindi

शब्द रूप Sabad Roop: पद/शब्द रूप- ‘शब्द के बिना वाक्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद‘ या ‘शब्द रूप (Sabad Roop)‘ कहलाता है।

  • जब भी शब्द वाक्य में प्रयुक्त होगा,  उसमें ‘पद  या ‘शब्द रूप बनाने वाला कोई-न-कोई प्रत्यय अवश्य लगता है।
  • प्रकार्य तथा वाक्य में प्रयुक्त होने की दृष्टि से एक ही शब्द के हमें अनेक ‘शब्द रूप‘ प्राप्त हो सकते हैं, जैसे-‘लड़का‘ शब्द से बने ‘लड़का‘ (शून्य प्रत्यय), लड़के  (ए- प्रत्यय), लड़कों (ओं-प्रत्यय) आदि।
  • ‘पद’ या शब्द रूप‘ का  संबंध एक ओर शब्द से है तो दूसरी ओर वाक्य से, क्योंकि वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही ‘पद‘ है।
SABAD ROOP
SABAD ROOP

Table of Contents

कारक SABAD ROOP

कारक परिभाषा -संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सीधा संबंध क्रिया के साथ ज्ञात हो, वह ‘कारक’  कहलाता है।

कारकचिन्ह स्मरण करने के लिए सूत्र

  • कर्ता -ने
  • करण- ने, से, द्वारा
  • अपदान – से -अलग होने का अर्थ में
  • सम्बन्ध- का, के, की, रा, रे री
  • कर्म- को
  • सम्प्रदान- के लिए, को, के वास्ते, के हेतु
  • अधिकारण – में, पर, के, ऊपर, के भीतर, के बाद, के पहले को
  • सम्बोधन- हे! रे! अरे!

लिंग किसे कहते हैं?

शब्द के जिस रूप से यह पता चले कि वह पुरूष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे व्याकरण में लिंग कहते हैं। लिंग शब्द का अर्थ है चिन्ह या पहचान का साधन। लिंग को अंग्रेजी भाषा में “Gender” शब्द से प्रयुक्त करते है

लिंग को तीन भागो में बाटा गया है।

  1. पुरूष लिंग
  2. स्त्री लिंग
  3. उभयलिंग

पुंलिग और स्त्रीलिंग:

प्रत्येक संज्ञा शब्द या तो पुंलिंगवाची होगा या स्त्रीलिंगवाची वाक्य में क्रिया का रूप संज्ञा के लिंग (तथा वचन) के अनुसार बदलता है, जैसे-‘घोड़ा दौड़ता है/घोड़ी दौड़ती है।‘ साथ ही अनेक विशेषण शब्द भी संज्ञा के लिंग के अनुसार परिवर्तित होते हैं, अथवा बिना लिंग से जुड़े वह वाक्य में प्रयुक्त नहीं हो सकता।

पुरूष लिंग/ पुल्लिंग SABAD ROOP:

जब किसी शब्द के प्रयोग से पुरुष जाति का पता चले तो उसे पुलिंग कहा जाता है, साधारण शब्दों में कहें तो जिन शब्दों से किसी पुरुष जाति की वस्तु या व्यक्ति का बोध हो तो वह पुलिंग कहलाता है।

जैसे-कुत्ता, लड़का, घर, पेड़, सिंह आदि

पुल्लिंग की पहचान- Puling Ki Pahchan:

पुल्लिंग की पहचान निम्न प्रकार से कर सकते है

  1. आ,  पन, न, आव, पा, – ये प्रत्यय जिन शब्दों के अंत में हों, वे पुल्लिंग होते हैं। जैसे- मोटा, चढ़ाव, बुढ़ापा, बड़पन, जीवयापन, आदि।
  2. पर्वत, मास, वार, और कुछ, ग्रहों, के नाम पुल्लिंग होते हैं।
  3. पेड़ों के नाम पुलिंग होते हैं।

स्त्रीलिंग SABAD ROOP

जब किसी शब्द या जाती के प्रयोग से स्त्री जाति का बोध हो तो उसे स्त्रीलिंग कहा जाता है जैसे- गाय, घड़ी, लड़की, कुर्सी, छड़ी, नारी आदि।

पुंल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के लिए जो चिन्ह लगाये जाते हैं, वे स्त्री प्रत्यय कहलाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रत्यय इस प्रकार हैं- ई, इया, इन, नी, आनी, आइन, आ, इका, इनी, (इणी) आदि।

  1. जिन संज्ञा शब्दों के अतं में ‘ख‘ होता है, तो स्त्रीलिंग कहलाते हैं जैसे- ईख, भूख, चोख, राख आदि।
  2. जिन भाववाचक संज्ञाओं के अंत में ट, वट या हट होता है, तो स़्त्रीलिंग कहलाती हैं। जैसे- झंझट, आहट, चिकनाहट, बनावट, सजावट आदि।
  3. अनुस्वारांत, ईकारांत, ऊकारांत, तकारांत, सकारांत, संज्ञाएं स्त्रीलिंग कहलाती हैं। जैसे- छत, भीत, लू, साँस रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, आदि।
  4. भाषा, बोली और लिपियाँ के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
  5. जिन शब्दों के अंत में ‘इया‘ आता है, वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- कुटिया, खटिया, आदि।
  6. नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
  7. पृथ्वी ग्रह स्त्रीलिंग है।
  8. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होत हैं। जैसे-गंगा, यमुना, आदि।
  9. तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- पूर्णिमा आदि।

उभयलिंग शब्द:

वे शब्द जिनके द्वारा पुंलिग तथा स्त्रीलिंग को पुकारा जा सके या जिनका प्रयोग दोनों लिंगों (पुंलिग तथा स्त्रीलिंग) में हो सकता है। इन शब्दों में लिंग परिवर्तन नहीं होता, जैसे- प्रधानमंत्री, मंत्री ,इजीनियर, डॉक्टर, मैनेजर आदि।

उदाहरण –

  1. प्रधानमंत्री पधार रहे हैं। (इसमें केवल पद के नाम से ही चुना नाम गया है इसमें यह पता नहीं चल रहा की प्रधानमंत्री पुरुष है या महिला।)
  2. डॉक्टर घर चली गई हैं।
  3. डॉक्टर बुला रहे हैं।

‘आनी’ प्रत्यय से बनने वाले स्त्रीलिंग और पुंलिग SABAD ROOP(अ-आनी/आणी):

पुंलिगस्त्रीलिंग
नौकरनौकारानी (नौकार+आनी)
मुगलमुगलानी
देवरदेवरानी
चौधरीचौधरानी
जेठजेठानी
क्षत्रियक्षत्राणी
मेहतरमेहतरानी

‘आइन’  प्रत्यय से बनने वाले स्त्रीलिंग शब्द / पुंलिग SABAD ROOP(अ,आ, ई, ऊ, ए-आइन):

पुंलिंगस्त्रीलिंग
ठाकुरठकुराइन
चौधरीचौधराइन
पंडापडाइन
हलवाईहलवाइन
बाबूबबुआइन
ओझाओझाइन
पंडितपंडिताइन

‘ई’ प्रत्यय से बनने वाले पुंलिंग -स्त्रीलिंग शब्द (अ,आ,- ई)

आ‘ अंत वाले शब्दों में ‘आ‘ का लोप हो जाता है  और उनके स्थान पर – ‘ई‘ प्रत्यय लग जाता है।

पुंलिंगस्त्रीलिंग
पहाड़पहाड़ी
लड़कालड़की
गूँगागूँगी
कबूतरकबूतरी
हरिणहरिणी
गोपगोपी
घोड़ाघोड़ी

‘इया’ प्रत्यय से बनने वाले पुंलिंग -स्त्रीलिंग Sabad Roop(आ-इया)

कुछ ‘अ/आ‘ से अन्त वाले शब्दों के ‘अ/आ‘ का लोप हो जाता है तथा उनके स्थान पर- ‘इया‘ प्रत्यय आ जाता है।

  1. मूल शब्द का पहला स्वर हृस्व हो जाता है।
  2. यदि मूल शब्द में व्यंजन द्वित्व है (कुत्ता) तो एक व्यंजन का लोप होकर कुतिया हो जाता है।
पुंलिंगस्त्रीलिंग
डिब्बाडिबिया
कुत्ताकुतिया
चूहाचुहिया
बंदरबंदारिया
बूढ़ाबुढि़या
चिड़ाचिडि़या
बेटाबिटिया

‘इन’ प्रत्यय बनने वाले पुंलिंग -स्त्रीलिंग Sabad Roop

इन प्रत्यय  से बनने वाले मूल शब्द के अंतिम स्वर का लोप हो जाता है और उसके स्थान पर -‘इन‘ प्रत्यय आ जाता है।

पुंलिंगस्त्रीलिंग
सुनारसुनारिन
कुम्हारकुम्हारिन
नाईनाइन
लुहारलुहारिन
पड़ोसीपड़ोसिन
नागनागिन

‘नी’ प्रत्यय से बनने वाले पुल्लिंग -स्त्रीलिंग Sabad Roop (अ-अनी):

पुंलिंगस्त्रीलिंग
शेरशेरनी
मोरमोरनी
चोरचोरनी
भीलभीलनी

‘इनी’  प्रत्यय से बनने वाले स्त्रीलिंग शब्द:

(अ, ई-इनी/इणी): शब्दांत में ‘अ‘ आने वाले शब्दों में -‘नी‘ प्रत्यय, ‘अ‘ के स्थान पर आ जाता है।

लेकिन कुछ शब्दों में जिन शब्द अंत में ‘ई‘ स्वर आता है ‘नी‘ प्रत्यय लगने पूर्व ई- ‘इ‘ (हृस्व स्वर) में बदल जाता है।

पुंलिंगस्त्रीलिंग
हाथीहथिनी
हंसहंसिनी
अभिमानीअभिमानिन
स्वामीस्वामिनी
एकाकीएकाकिनी
यशस्वीयशस्विनी
तपस्वीतपस्विनी

“इका “ प्रत्यय जोड़कर (अक-इका):

पुंलिंगस्त्रीलिंग
गायकगायिका
संयोजकसंयोजिका
नायकनायिका
लेखकलेखिका
परिचायकपरिचायिका
पाठकपाठिका
बालकबालिका

‘वती/मती’  स्त्री प्रत्यय:

कुछ संज्ञा शब्द जिनके अंत में – ‘वान/मान‘ आते हैं उनके स्थान पर ‘वती/मती‘ स्त्री प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जाते हैं।

पुंलिंगस्त्रीलिंग
गुणवानगुणवती
भाग्यवानभाग्यवती
श्रीमानश्रीमती
बुद्धिमानबुद्धिमती
भगवानभगवती
शक्तिमानशक्तिमती
सत्यवानसत्यवती

स्त्रीलिंगवाची शब्द से पुंलिंग बनाना

कुछ ऐसे स्त्रीलिंगवाची शब्द होते है जिनमे प्रत्यय जोड़कर पुंलिंग बनाया जाता है।

पुंलिंगस्त्रीलिंग
बहनोईबहन
जीजाजीजी
ननदोईननद
मौसामौसी

हिन्दी में कुछ स्त्री प्रत्यय संस्कृत से आए हैं और उन्ही के अनुसार हिन्दी में स्त्रीलिंग शब्द बनते हैं।

  1. ‘आ’ प्रत्यय जोड़कर (अ-आ)
  2. कुछ तत्सम शब्दों में ‘ता‘को ‘त्री”  करने से (ता-त्री)
  3. नित्य‘ पुलिंग तथा ‘नित्य’ स़्त्रीलिंग शब्दों में मादा या नर शब्द
  4. भिन्न रूप से स्त्रीलिंग शब्द

‘आ‘ प्रत्यय जोड़कर Sabad Roop (अ-आ)

पुंलिंगस्त्रीलिंग
प्रियप्रिया
छात्रछात्रा
सुतसुता
पूज्यपूज्या
प्रियतमप्रियतमा
बालबाला
शूद्रशूद्रा

तत्सम शब्दों में ‘ता‘को ‘त्री‘ करने से (ता-त्री):

पुंलिंगस्त्रीलिंग
कर्ताकर्त्री
वक्ताकक्त्री
दातादात्री
अभिनेताअभिनेत्री
धाताधात्री
विधाताविधात्री
नेतानेत्री

नित्य‘ पुलिंग और स़्त्रीलिंग शब्दों में मादा या नर शब्द लगाने से:

पुंलिंगस्त्रीलिंग
खरगोशमादा खरगोश
भेडि़यामादा भेडि़या
गैंडामादा गैंडा
नर चीलचील
नर कोयलकोयल
नर ककालमादा कंकाल
नर छिपकलीछिपकली

भिन्न रूप से स्त्रीलिंग शब्द-

हिन्दी में अनेक संज्ञा शब्द ऐसे भी हैं जिनके पुंलिंग और स्वीलिंग शब्दों में पर्याप्त भिन्नता दिखाई देती हैं।

पुंलिंगस्त्रीलिंग
भाईभाभी
नरमादा/नारी
विद्वानविदुषी
नपुंसकबाँझ
साधुसाध्वी
मियाँबीवी
कविकवयित्री

वचन परिवर्तन Sabad Roop:

हिन्दी में बहुवचन रूप प्रायः शून्य (0), ‘-ए‘ ‘-एँ‘ तथा ‘-आँ‘ प्रत्यय लगाकर बनाए जाते हैं। वचन- परिवर्तन के नियम इन्हीं प्रत्ययों के लगने पर निर्भर करते हैं।

  1. ए‘ प्रत्यय जोड़कर
  2. एँ‘ प्रत्यय जोड़कर
  3. आँ‘ प्रत्यय जोड़कर
  4. शून्य (0) प्रत्यय जोड़कर

ए‘ प्रत्यय जोड़कर

आकारान्त शब्दों के अंतिम ‘आ‘ के स्थान पर ‘-ए‘ प्रत्यय लग जाता है।

एकवचनबहुवचन
कपड़ाकपड़े
लोटालोटे
रास्तारास्ते
कमराकमरे
दानादाने
गधागधे
लड़कालड़के

एँ‘ प्रत्यय जोड़कर

  1. व्यंजन(अ अन्त वाले) मूल शब्दों में ‘अ‘ स्वर का लोप होता है और उसके स्थान पर ‘-एँ‘ बहुवचन सूचक प्रत्यय लग जाता है।
एकवचनबहुवचन
नहरनहरें
कलमकलमें
सड़कसड़कें
बाँहबाँहे
बोतलबोतलें
दीवारदीवारें
चीजचीजें
  •  आकारान्त/ऊकारान्त/औकारांत/आदि शब्दों में अन्तिम स्वर का लोप नहीं होता है। अंतिम स्वर के बाद ‘-एँ‘ प्रत्यय जुड़ जाता है। (‘अ‘ को हृस्व कर देते हैं)
एकवचनबहुवचन
गौगौएँ
कथाकथाएँ
मातामाताएँ
शालाशालाएँ
महिलामहिलाएँ
कविताकविताएँ
वधूवधुएँ

 ‘आँ’ प्रत्यय जोड़कर:

जब ईकारान्त संज्ञा शब्दों में ‘आँ‘ बहुवचन सूचक प्रत्यय लगता है तो अंतिम स्वर ‘ई‘ का परिवर्तन हृस्व ‘इ‘ में हो जाता है तथा ‘इ‘ और ‘आँ‘ के मध्य ‘य‘ व्यंजन का आगम हो जाता है

एकवचनबहुवचन
गृहिणीगृहिणियाँ
स्त्रीस्त्रियाँ
शक्तिशक्तियाँ
पंक्तिपंक्तियाँ
बुढि़याबुढि़याँ
लड़कीलड़कियाँ
नारीनारियाँ

हिंदी में वे शब्द जो बिना किसी सहायता से बहुवचन और एकवचन होते है। जैसे- पानी, प्रेम, प्यार, भय, क्रोध, दान आदि।

हिन्दी में कुछ शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए समूहवाची (‘वर्ग‘, ‘वृंद‘ ‘गण‘, ‘लोग‘, ‘जन‘, आदि) शब्द जोड़ दिए आदि  जाते हैं, जैसे-कर्मचारी वर्ग,

हिंन्दी में वे शब्द जो हमेशा बहुवचन रूप में ही प्रयुक्त होते हैं जैसे-आँसू, केश, समाचार, दर्शन, प्राण, हस्ताक्षर, बाल, लोग, प्रजा, रोम, होश आदि।

हिंन्दी में वे शब्द जो हमेशा ऐसे संज्ञा शब्द भी है जो हमेशा एकवचन में ही आते हैं, जैसे- क्रोध, क्षमा, छाया, जल, जनता, पानी, दूध, वर्षा हवा, आग आदि।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *