नमस्कार दोस्तों, आज आपको इस लेख से Shee Dhatu Roop in Sanskrit भाषा मे आपको सिखने को मिलने वाला है। शी धातु रूप के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते है। और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको Shee Dhatu Roop के बारे मे बता रहे है। शी धातु का अर्थ है ‘सोना, to sleep’। यह अदादिगण तथा आत्मनेपदी धातु है। सभी अदादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- आस्, अद्, इ, द्विष्, जागृ, ब्रू, दुह्, रुद्, या, विद्, हन् आदि। शी धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
Table of Contents
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शेते
शयाते
शेरते
मध्यम पुरुष
शेषे
शयाथे
शेध्वे
उत्तम पुरुष
शये
शेवहे
शेमहे
Shee Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शयिष्यते
शयिष्येते
शयिष्यन्ते
मध्यम पुरुष
शयिष्यसे
शयिष्येथे
शयिष्यध्वे
उत्तम पुरुष
शयिष्ये
शयिष्यावहे
शयिष्यामहे
Shee Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अशेत
अशयाताम्
अशेरत
मध्यम पुरुष
अशेथाः
अशयाथाम्
अशेध्वम्
उत्तम पुरुष
अशयि
अशेवहि
अशेमहि
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शेताम्
शयाताम्
शेरताम्
मध्यम पुरुष
शेष्व
शयाथाम्
शेध्वम्
उत्तम पुरुष
शयै
शयावहै
शयामहै
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शयीत
शयीयाताम्
शयीरन्
मध्यम पुरुष
शयीथाः
शयीयाथाम्
शयीध्वम्
उत्तम पुरुष
शयीय
शयीवहि
शयीमहि
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अशयिष्ट
अशयिषाताम्
अशयिषत
मध्यम पुरुष
अशयिष्ठाः
अशयिषाथाम्
अशयिध्वम्
उत्तम पुरुष
अशयिषि
अशयिष्वहि
अशयिष्महि
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शिश्ये
शिश्याते
शिश्यिरे
मध्यम पुरुष
शिश्यिषे
शिश्याथे
शिश्यिध्वे
उत्तम पुरुष
शिश्ये
शिश्यिवहे
शिश्यिमहे
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शयिता
शयितारौ
शयितार:
मध्यम पुरुष
शयितासे
शयितासाथे
शयिताध्वे
उत्तम पुरुष
शयिताहे
शयितास्वहे
शयितास्महे
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शयिषीष्ट
शयिषीयास्ताम्
शयिषीरन्
मध्यम पुरुष
शयिषीष्ठाः
शयिषीयास्थाम्
शयिषीध्वम्
उत्तम पुरुष
शयिषीय
शयिषीवहि
शयिषीमहि
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अशयिष्यत
अशयिष्येताम्
अशयिष्यन्त
मध्यम पुरुष
अशयिष्यथाः
अशयिष्येथाम्
अशयिष्यध्वम्
उत्तम पुरुष
अशयिष्ये
अशयिष्यावहि
अशयिष्यामहि
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