Surya Shabd Roop in Sanskrit – सूर्य शब्द अजन्त (अकारांत) पुल्लिंग संज्ञा शब्द है। सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे- छात्र, शिष्य, लोक, ईश्वर ,देव, मानव,बालक, राम, वृक्ष, सुर, गज, अश्व, दिवस, ब्राह्मण, आदि। सूर्य शब्द रूप: के आधार पर शब्द के निम्नलिखित 4भेद हैं- संस्कृत भाषा के शब्द तत्सम कहलाते हैं। जैसे-अग्नि, क्षेत्र, वायु, ऊपर, रात्रि, सूर्य आदि। जो शब्द रूप बदलने के कोणार्क सूर्य मन्दिर भारत में उड़ीसा राज्य में जगन्नाथ पुरी से किमी उत्तर-पूर्व में कोणार्क नामक शहर में प्रतिष्ठित है। यह भारतवर्ष के चुनिन्दा सूर्य मन्दिरों है।

सूर्य शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Surya Shabd Roop in Sanskrit
सूर्य शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | सूर्यः | सूर्यौ | सूर्याः |
द्वितीया | सूर्यम् | सूर्यौ | सूर्यान् |
तृतीया | सूर्येण | सूर्याभ्याम् | सूर्यैः |
चतुर्थी | सूर्याय | सूर्याभ्याम् | सूर्येभ्यः |
पंचमी | सूर्यात् / सूर्याद् | सूर्याभ्याम् | सूर्येभ्यः |
षष्ठी | सूर्यस्य | सूर्ययोः | सूर्याणाम् |
सप्तमी | सूर्ये | सूर्ययोः | सूर्येषु |
सम्बोधन | हे सूर्य! | हे सूर्यौ! | हे सूर्याः! |
आशा करता हूँ की आपको इस लेख से सूर्य शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।