Vayu Pradusan: वायु प्रदूषण पर निबंध – Essay of Air Pollution

आज के इस लेख में हम बात करेंगे vayu pradusan की। इसमें हम पूर्ण रूप से vayu pradusanके बारे में जानेगे और जानेगे की किस प्रकार वायु प्रदूषण प्रति दिन क्यों बढ़ता जा रहा है। vayu pradusan kise kahate hain, और Vayu Pradusan ke karan क्या – क्या है। यह लेख एक प्रकार से निबंध है जिसमे आप इसको सम्पूर्ण रूप से जान सकते है।

Vayu Pradusan: वायु प्रदूषण पर निबंध
Vayu Pradusan: वायु प्रदूषण पर निबंध

Vayu Pradusan: वायु प्रदूषण पर निबंध

संकेत बिंदु – (Content)

  1. प्रस्तावना
  2. वायु प्रदूषण का अर्थ
  3. वायु प्रदूषण के स्त्रोत
  4. वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव
  5. वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय
  6. उपसंहार

प्रस्तावना:

Vayu Pradusan एक गंभीर समस्या है जो वर्षों से दुनिया को परेशान कर रही है। वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास किए जाने से पहले, यह अनुमान लगाया गया था कि अकेले 2010 में वायु प्रदूषण से लगभग 50 लाख लोग मारे गए (एशिया में औसत प्रति वर्ष लगभग 900,000 मौतें थीं)। यह भी अनुमान लगाया गया था कि दुनिया की लगभग 43% आबादी उच्च स्तर के कणों के संपर्क में है।

कई देशों में Vayu Pradusan एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। कुछ क्षेत्रों में, हवा की गुणवत्ता इतनी खराब है कि लोगों को सांस लेने में मुश्किल हो रही है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। वायु प्रदूषण से अस्थमा के दौरे, दिल के दौरे और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। वायु प्रदूषण कई अलग-अलग स्रोतों से आता है। इनमें कार, कारखाने, बिजली संयंत्र, तेल रिफाइनरी और अन्य उद्योग के साथ-साथ जलते हुई पराली भी शामिल हैं।

वायु प्रदूषण (Vayu Pradusan) का अर्थ:

Vayu Pradusan नियंत्रण एवं निवारण अधिनियम 1981 की धारा-2 के अनुसार वायु प्रदूषण का अर्थ है- वायुमंडल में उपस्थित वायु प्रदूषक जो ठोस तरल या गैसीय रूप में हो जिसकी वायुमंडल में इतनी सांद्रता हो जीवित प्राणियों के लिये तथा वनस्पतियों के लिये या किसी सम्पदा के लिये या पर्यावरण के लिये हानिकारक हो, वायु प्रदूषण कहलाती है।

हमारी पृथ्वी के वातावरण विभिन्न प्रकार की गैसों से बना हुआ है मुख्य रूप से ऑक्सीजन है। जो की बहुत से जीव जन्तुओ के लिए  प्रदान करती है और इनके द्वारा छोड़ी गयी कार्बन डाई ऑक्सी को प्रकृति में उपस्थित पेड़ पौधे ले लेते है। इसमें वायु मण्डल एक कम्बल के समान है वायुमण्डल ही एक ऐसा स्रोत है जो प्रकृति में तापमान को नियंत्रित करती है। वायु मण्डल ही हमारी हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से रक्षा करता है। और अंतरिक्ष से आने वाली उल्का पिंडो को जला कर नष्ट कर देती है।

वायु प्रदूषण के स्त्रोत:

हम Vayu Pradusan के स्रोतों को दो भागों में बाँट सकते है।

  1. वायु प्रदूषण के मानवीय स्रोत
  2. वायु प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत
Vayu Pradusan
Vayu Pradusan: वायु प्रदूषण पर निबंध

Vayu Pradusan के मानवीय स्रोत

परिवहन, घरेलू कार्यों, कृषि कार्य, उद्योग कारखाने, खतरनाक वायु प्रदूषक, ग्रीन हाउस गैसें, ताप विद्युत गृह, खनन, रासायनिक पदार्थों एवं विलायकों द्वारा, विकसित देशों की निर्यात सामग्री से मानवीय प्रदूषण हो रहा है।

घरेलू कार्यों से वायु प्रदूषण: नियमित घरेलू कार्य जैसे भोजन बनाने, गर्म पानी करने आदि में ईंधन के खपत अधिक होती है। घरेलू कार्य में ईंधन के रूप में  लकड़ी, कोयला, गोबर के कण्डे, मिट्टी का तेल, गैस आदि का प्रयोग होता है। इस जलाने की क्रिया में कार्बन-डाई-ऑक्साइड, कार्बन-मोनो-ऑक्साइड, सल्फर-डाई-ऑक्साइड आदि गैसें उत्पन्न होती हैं जो की वायु को प्रदूषित करती हैं।

कृषि कार्य वायु प्रदूषण: फसल जलना (Crop Burning) अधिक रूप से पंजाब हरियाणा राजस्थान के क्षेत्रों में चावलों की खेती के झूमिंग खेती की जाती है। जिसके लिए किसान आस पास की वनस्पति और पराली को जलाते है साथ ही कीटनाशको के उपयोग से जहरीली गैस निकलती है जिससे  वायु प्रदूषण होता है।

उद्योग कारखाने से वायु प्रदूषण: उद्योगों से उत्सर्जित होने वाले धुएँ तथा अपशिष्ट पदार्थों से वायु प्रदूषण होता है । कपड़ा उद्योग, ईट उद्योग, रासायनिक उद्योगों , तेल शोधक कारखानों (Oil Refinery Factories), शक्कर उद्योग , स्टील फैक्ट्री आदि वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत है। इन उधोगो से SO2, CO2, H2S धूल , सीसा , आर्सेनिक फ्लोराइड , बेरिलियम तथा अनेक हाइड्रोकार्बन जैसे वायु प्रदूषण करने वाली गैस और विभिन्न उद्योगों द्वारा उत्सर्जित होने वाले जहरीले प्रदूषकों के धारक , भारत के अधिकांश औद्योगिक शहर अत्यधिक प्रदूषित है ।

परिवहन से वायु प्रदूषण: परिवहन वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत है। वाहनों से निकलते धुएं ने सामान्य जनजीवन भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। वाहनों से कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, कार्बन-मोनो-ऑक्साइड, नाइट्रोजन-ऑक्साइड, हाइड्रो-कार्बन आदि गैसें उत्सर्जित होती है। सीसा युक्त ईंधन और अधिक पुराने वाहन व डीजल वाले वाहन अधिक धुआँ निकलता है।

वायु प्रदूषण के प्राकृतिक कारण:

वायु प्रदूषण में सारे दोष मानवीय कारको का नहीं है। कुछ कारक प्रकृति के भी है।

  1. हमारी पृथ्वी पर बहुत सारे ज्वालामुखी है जो कि समय-समय पर फटते रहते हैं और उनसे जहरीली गैस का निष्कासन होता है साथ ही लावा भी निकलता है। जिसके कारण वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती रहती है।
  2. वनस्पति जगलो में अचानक से जगलो में आग लग जाती है और यह आग इतनी खतरनाक होती है की महीनो तक चलती रहती है जगलो की आग से बहुत अधिक  वायु प्रदूषण होता है।
  3. जानवरों के गोबर से भी वायु प्रदूषण होता है क्योकि इनके गोबर में मीथेन गैस निकलती है। जो की मानव के लिए हानिकारक होती है।
  4. गर्मियों में हवा से धूल बहुत उड़ती है इसके कारण हवा में धूल के कण बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते है। और यह मानव के बॉडी में अनेक प्रकार की बीमारियाँ पैदा कर देती है।

Side Effects of Air Pollution in Hindi – वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव:

वायु प्रदूषण से बॉडी में अनेक प्रकार के बीमारियाँ हो जाती है जैसे की – श्वसन की समस्याएं,  कैंसर की संभावना, प्राचीन स्मारकों पर दुष्प्रभाव, ऑक्सीजन की कमी,अन्य प्राणियों पर आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ते है।

वायु प्रदूषण में कोहरा और भी खतरनाक हो जाता है। कोहरे में वायु प्रदूषक जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, ज्वलनशील कार्बनिक यौगिक आदि हानिकारक मिश्रण रहते हैं। इनसे फेफड़ों के संक्रमण, आंख चर्बी पर एलर्जी, छाती में जलन, खांसी, आदि की समस्या बनी रहती है। इनसे शरीर की रक्षा प्रणाली भी कमजोर हो जाती है।

वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय:

वायु प्रदूषण को कम करना एक प्रकार से चुनौती भरा कार्य है जब तक लोगो में इसके बारे में उचित जानकारी नहीं होगी तब तक वायु प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकता है। हमने कुछ पॉइंट दिए है जिनकी सहायता से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

  • वायु प्रदूषण के बारे में उचित शिक्षा निति का घटन किया जाना चाहिए ताकि लोगो को इसके दुष्प्रभावों में पता चले।
  • वाहनों में ईंधन से निकलने वाले धुएँ पर नियंत्रण
  • धुआँ रहित चूल्हे व सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन
  • जीवाश्म ईंधन का न्यूनतम इस्तेमाल
  • वनों की अनियंत्रित कटाई पर रोक लगाने के साथ निरंतर चलने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम
  • प्रदूषणकारी उद्योगों को निवास जगहों से दूर स्थापित करना चाहिए।
  • ऊर्जा के लिए नवीनतम संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
  • निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें क्योंकि सड़क पर जितनी कम गाड़ियाँ रहेंगी उतना कम प्रदूषण भी होगा।
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उपसंहार

वायु प्रदूषण बहुत जानलेवा है। इस पर जल्द ही नियंत्रण करना आवशयक है क्योकि वर्तमान में यह अनियत्रित है और बड़े ही दुख की बात है की आज विश्व की 40% लोगो के पास अच्छी वायु नहीं है जिसके कारण उनको अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जब तक हम सभी लोग वायु प्रदूषण को कम करने के बारे में नहीं सोचेंगे तब तक वायु प्रदूषण कम नहीं हो सकता है क्योकि किसी भी देश की सरकार जब तक कुछ नहीं कर सकती जब तक की उसको अपने देश की जनता का साथ ना हो। और यह मुहीम केवल एक देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चलना आवश्यक है क्योकि पूरी दुनिया में केवल भूटान ही ऐसा देश है जो कार्बन नेगेटिव है।

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