Vraj Dhatu Roop :- नमस्कार दोस्तों, यहाँ पर आपको व्रज धातु के रूप संस्कृत में सिखने को मिलने वाला है। छात्रों से अक्सर स्कूलों और प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी Vraj Dhatu Roop in Sanskrit में लिखने के लिए कहा जाता हैं। व्रज धातु रूप के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते है। और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको Vraj Dhatu Roop के बारे मे बता रहे है। व्रज धातु का अर्थ है ‘जाना, to go’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अर्च्, भू-भव्, अस्, गुह्, गम्, घ्रा, आदि। व्रज धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
Table of Contents
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
व्रजति
व्रजतः
व्रजन्ति
मध्यम पुरुष
व्रजसि
व्रजथः
व्रजथ
उत्तम पुरुष
व्रजामि
व्रजावः
व्रजामः
Vraj Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
व्रजिष्यति
व्रजिष्यत:
व्रजिष्यन्ति
मध्यम पुरुष
व्रजिष्यसि
व्रजिष्यथ:
व्रजिष्यथ
उत्तम पुरुष
व्रजिष्यामि
व्रजिष्याव:
व्रजिष्याम:
Vraj Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अव्रजत्
अव्रजताम्
अव्रजन्
मध्यम पुरुष
अव्रजः
अव्रजतम्
अव्रजत
उत्तम पुरुष
अव्रजम्
अव्रजाव
अव्रजाम
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
व्रजतु
व्रजताम्
व्रजन्तु
मध्यम पुरुष
व्रज
व्रजतम्
व्रजत
उत्तम पुरुष
व्रजानि
व्रजाव
व्रजाम
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
व्रजेत्
व्रजेताम्
व्रजेयुः
मध्यम पुरुष
व्रजेः
व्रजेतम्
व्रजेत
उत्तम पुरुष
व्रजेयम्
व्रजेव
व्रजेम
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अव्राजीत्
अव्राजिष्टाम्
अव्राजिषुः
मध्यम पुरुष
अव्राजीः
अव्राजिष्टम्
अव्राजिष्ट
उत्तम पुरुष
अव्राजिषम्
अव्राजिष्व
अव्राजिष्म
Vraj Dhatu Roop
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
वव्राज
वव्रजतुः
वव्रजुः
मध्यम पुरुष
वव्रजिथ
वव्रजथुः
वव्रज
उत्तम पुरुष
वव्रज
वव्रजिव
वव्रजिम
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
व्रजिता
व्रजितारौ
व्रजितार:
मध्यम पुरुष
व्रजितासि
व्रजितास्थ:
व्रजितास्थ
उत्तम पुरुष
व्रजितास्मि
व्रजितास्व:
व्रजितास्म:
Vraj Dhatu Roop
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
व्रज्यात्
व्रज्यास्ताम्
व्रज्यासुः
मध्यम पुरुष
व्रज्याः
व्रज्यास्तम्
व्रज्यास्त
उत्तम पुरुष
व्रज्यासम्
व्रज्यास्व
व्रज्यास्म
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अव्रजिष्यत्
अव्रजिष्यताम्
अव्रजिष्यन्
मध्यम पुरुष
अव्रजिष्यः
अव्रजिष्यतम्
अव्रजिष्यत
उत्तम पुरुष
अव्रजिष्यम्
अव्रजिष्याव
अव्रजिष्याम
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