Yagya Shabd Roop in Sanskrit – यज्ञ शब्द अजन्त (अकारांत) पुल्लिंग संज्ञा शब्द है। सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे- इन्द्र, कृष्ण, गोविन्द, गुण, दानव, चन्द्र, भक्त, केश, कलश, गोत्र, ईश्वर, छात्र, सूर्य, आश्रम, मानव, उद्यान, कूप, आकाश, ग्राम, उत्सव, लोक, गीत, जन, जनक, नर, देश, दास , नायक, नेत्र, नृप, पुरुष, देव, बालक, राम, वृक्ष, गृह, पाद, ब्राह्मण, कृषक, आपण, अध्याय, लोक, वृषभ, अधर, वानर, कपोत, अनेक, शिष्य, शूद्र, गज, दिवस, घट, मास, शिव, सुर, अश्व, काक, खग, असुर, आदि। यज्ञ शब्द अकारांत पुंल्लिंग शब्द , इस प्रकार के सभी अकारांत पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते है। संस्कृत व्याकरण एवं भाषा में शब्द रूप अति महत्व रखते हैं। और धातु रूप भी बहुत ही आवश्यक होते हैं।
यज्ञ शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Yagya Shabd Roop in Sanskrit
यज्ञ शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | यज्ञः | यज्ञौ | यज्ञाः |
द्वितीया | यज्ञम् | यज्ञौ | यज्ञान् |
तृतीया | यज्ञेन | यज्ञाभ्याम् | यज्ञैः |
चतुर्थी | यज्ञाय | यज्ञाभ्याम् | यज्ञेभ्यः |
पंचमी | यज्ञात् / यज्ञाद् | यज्ञाभ्याम् | यज्ञेभ्यः |
षष्ठी | यज्ञस्य | यज्ञयोः | यज्ञानाम् |
सप्तमी | यज्ञे | यज्ञयोः | यज्ञेषु |
सम्बोधन | हे यज्ञ! | हे यज्ञौ! | हे यज्ञाः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से यज्ञ शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।