National Sea Day: हेलो दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे राष्ट्रीय समुद्री दिवस (भारत) की। भारत के बहुत ही कम लोगो को पता है की भारत में राष्ट्रीय समुद्र दिवस का कब और क्यों मनाया जाता है। चलिए जानते है राष्ट्रीय समुद्री दिवस कब और किसके लिए बनाया जाता है।
![National Sea Day: भारत में 5 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है National Maritime Day, जानिये इसका इतिहास 1 National Sea Day](https://www.gk-help.com/wp-content/uploads/2022/04/National-Sea-Day-भारत-में-5-अप्रैल-को-क्यों-मनाया-जाता-है-राष्ट्रीय-समुद्री-दिवस-जानिये-इसका-इतिहास-1-1024x538.png)
मुंबई से लंदन (5 अप्रैल, 1919) की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय फ्लैग मर्चेंट पोत (एम/एस सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी के स्वामित्व वाली) ‘S. S. लॉयल्टी’ की पहली यात्रा की स्मृति में 60 वाँ National Maritime Day मनाया गया।
यह एक ऐसा दिन है जो उन पुरुषों के प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिए मनाया जाता है भारत में हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है। वे पुरुष जो समुद्र में कई महीने बिताते हैं, वैश्विक स्तर पर भारत के व्यापार और वाणिज्य का बड़ा हिस्सा करते हैं। 1964 से भारत में 5 अप्रैल को National Maritime Day मनाया जा रहा है। विश्व स्तर पर, भारत जहाज पुनर्चक्रण में दूसरे स्थान पर है।
भारत में 5 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय समुद्री दिवस/ National Sea Day:
यह दिन भारत के लिए बेहद खास माना जाता है भारत में हर साल 5 अप्रैल को हर्षो उल्लाश से नेशनल मैरीटाइम डे यानी राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है .क्योंकि आज से ठीक 102 वर्षो पहले 5 अप्रैल 1919 को पहली भारतीय जहाज मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा के लिए रवाना हुई थी.
भारतीय National Maritime Day 5 अप्रैल को मनाया जाता है, क्योंकि इस तारीख को 1919 में, एसएस लॉयल्टी, पहला भारतीय ध्वज व्यापारी जहाज, मुंबई से लंदन के लिए रवाना हुआ था। सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड एसएस लॉयल्टी की मालिक थी।
- यह कदम भारतीय नौवहन इतिहास के लिए बहुत महत्वपूर्ण और ख़ुशी का दिन था उस समय में अंग्रेजो का राज या नियंत्रण समुद्र से हटाया गया था
- इसकी ख़ुशी में या याद में 1964 से हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मानाया जाने लगा वर्ष 1964 से अंग्रेजों के नियंत्रण से हटकर विशुद्ध भारतीय नियंत्रण में समुद्री क्षेत्र आ गए हैं।
- राष्ट्रीय समुद्री दिवस राष्ट्रीय समुद्री उद्योग के प्रचार और विकास से जुड़े व्यक्तियों और संगठनों की सेवा और सेवाओं को पुरस्कार, छात्रवृत्ति और सुविधाएं देकर मान्यता देता है।
National Maritime Day/राष्ट्रीय समुद्री दिवस भारत के लिए क्यों है खास?:
किसी भी देश के की अर्थव्यवस्था उसके आयात निर्यात पर निर्भर करती है चूँकि भारत का 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से संबंधित है. इससे जाहिर होता है कि भारतीय पोत और जहाजों की देश की अर्थव्यवस्था में कितनी बड़ी भूमिका है।
- विश्व स्तर पर भारत जहाज निर्माण में 21वें स्थान पर है। वैश्विक समुद्री क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति की आपूर्ति के मामले में भारत 5वें स्थान पर है।
- जैसा की हम जानते है की एक बढ़ा जहाज हजारों ट्रक के बराबर का सामान ला और ले जा सकता है को बहुत ही हम कीमत में इसलिए भारत के लिए बंदरगाहों के जरिये व्यापार करना आवश्यक है।
- भारत का अपना एक समृद्ध समुद्री इतिहास रहा है और समुद्री क्रियाकलापों संबंधी बातों का उल्लेख सर्वप्रथम ऋग्वेद में मिलता हैI
- भारत में करीब 200 से भी अधिक बंदरगाहों में से करीब 12 बड़े प्रमुख बंदरगाहों से देश का समुद्री व्यापार होता है और देश की समुद्री तटरेखा 7517 किमी लंबी है. 6.17 लाख किग्रा कार्गो ट्रैफिक देश के प्रमुख बंदरगाहों से होता है।
- भारत की समुद्री विरासत लगभग पांच हजार साल पुरानी है और देश में सबसे पुराने बंदरगाह के तौर पर लोथल को बताया जाता है।
- समुद्री क्षेत्र भारत के व्यापार मूल्य का 65% वहन करता है
- भारत के व्यापार की मात्रा का 95% समुद्री क्षेत्र के माध्यम से किया जाता है।
- शीर्ष 40 वैश्विक कंटेनर बंदरगाहों की सूची में, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) को 33 वें स्थान पर और मुंद्रा को 37 वें स्थान पर रखा गया है।
- भारत में बंदरगाहों पर संभाले जाने वाले कुल कार्गो में से, 54% कार्गो का संचालन 12 प्रमुख बंदरगाहों द्वारा किया जाता है ।