Poly House Farming: पोली हाउस फार्मिंग में कितना खर्चा आता है

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Poly House Farming in Hindi /में एक ऐसी तकनीक है जिसमे ऑफ सीजन में भी सब्जियों या किसी अन्य फसल की खेती आसानी से की जाती है Poly House Farming में पौधा मौसम के अनुकूल रहता है। इससे आसानी से किसान बाजार में अच्छे भाव से अपनी फसल को बेच सकते है। क्योकि ऑफ सीजन के सब्जियों का भाव उच्च रहता है। ओर इसकी मांग पर इसकी कीमत बढ़ती रहती है

PolyHouse Farming in Hindi
PolyHouse Farming in Hindi

पॉलीहाउस खेती प्रथाओं का पालन करके हम एक वर्ष में लगभग 6-7 लाख प्रति एकड़ शुद्ध लाभ कमा सकते हैं। आम तौर पर खीरा, टमाटर, बेल मिर्च, ग्रीष्म स्क्वैश, बैंगन, और बागवानी कटे हुए फूल जैसे गुलाब, जरबेरा आदि की खेती पॉलीहाउस स्थिति में की जाती है।

पॉली हाउस क्या है?(Poly House Farming in Hindi )

पॉली हाउस शीट 200 माइक्रान मोटाई वाली पारदर्शी एवं पराबैंगनी किरणों से प्रतिरोधी पॉलीथीन चादर होती है.एक बार पॉली हाउस स्ट्रक्चर बन जाने पर कम से कम 10 वर्ष तक काम करता है.

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पॉलीहाउस खेती में किट और अन्य बीमारयों का भी खतरा कम हो जाता है क्योकि खुले मैदान में उगाई जाने वाली फसलें विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों जैसे कि कीटों और बीमारियों के हमले के संपर्क में आती हैं, इसलिए पॉली हाउस फसलों के लिए अधिक स्थिर और उपयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं।

विभिन्न प्रकार के पॉलीहाउस निम्नलिखित हैं:
सॉ टूथ पॉलीहाउस
मैक्सी-वेंट पॉलीहाउस
पंखा और पैड पॉलीहाउस
पाली सुरंग

पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली के आधार पर पॉली हाउस के प्रकार:

पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली के आधार पर पॉली हाउस के प्रकार दो प्रकार के होते है

  1. हवादार पॉलीहाउस
  2. पर्यावरण नियंत्रित पॉलीहाउस

हवादार पॉलीहाउस:

हवादार पॉलीहाउस या ग्रीनहॉउसों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक कीटों और बीमारियों से फसलों को रोकने की क्षमता होती है।

इसके आलावा इस प्रकार के ग्रीन हॉउस पेड़ो के लिए उपयुक्त होते है। जिसका उपयोग अधितर नर्सरी और छोटे बगीचों में भी किया जाता है।

पर्यावरण नियंत्रित PolyHouse:

इन पॉलीहाउस का निर्माण मुख्य रूप से फसलों की बढ़ती अवधि को बढ़ाने के लिए और इस प्रकार के पॉलीहाउस में प्रकाश, तापमान, आर्द्रता, कार्बन-डाइऑक्साइड (CO2) स्तर का नियंत्रित करके फसलों के ऑफ-सीजन उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

निर्माण और लागत के आधार पर PolyHouse:

निर्माण और लागत के आधार पर पॉलीहाउस को तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है।

  1. कम तकनीक वाला पॉलीहाउस
  2. मध्यम-टेक पॉलीहाउस
  3. हाई-टेक पॉलीहाउस

कम तकनीक वाला PolyHouse:

  1. इस प्रकार का पॉलीहाउस मुख्य रूप से ठंडे जलवायु क्षेत्र के लिए उपयुक्त होता है जहाँ गर्मियों में साइड की दीवारों को खोलकर तापमान को कम किया जा सकता है। इस प्रकार के पॉलीहाउस का उपयोग फसल उत्पादन के दौरान वर्षा आश्रय के रूप में किया जाता है।
  2. इस तकनिकी को कम लागत और कच्चे माल की उपयोगिता के आधार पर माप गया है। इसको बनाने में स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री जैसे बांस, लकड़ी आदि का उपयोग करके किया जाता है।
  3. UV (अल्ट्रा वायलेट) किरणों के एक सुरक्षात्मक आवरण का उपयोग किया जाता है।
  4. इस प्रकार के पॉलीहाउस में पर्यावरणीय मापदंडों को विनियमित करने के लिए कोई विशिष्ट नियंत्रण उपकरण प्रदान नहीं किए गए हैं। लेकिन तापमान और आर्द्रता को बढ़ाने या घटाने जैसी सरल तकनीकों को अपनाया जाता है।

मध्यम-टेक पॉलीहाउस:

  1. इस प्रकार के पॉलीहाउस का निर्माण जीआई  (गैल्वनाइज्डआयरन) पाइप का उपयोग करके किया जाता है।
  2. ये पॉलीहाउस शुष्क और मिश्रित जलवायु क्षेत्रों के लिए सबसे उपयुक्त हैं जहां फसल अवधि के दौरान समान वातावरण के साथ बहुत अधिक देखभाल और ध्यान रखना पड़ता है।
  3. कम लागत वाले पॉलीहाउस से अच्छी और मजबूत सामग्री का इस्तेमाल होता है इसका अधिकतर सामना बाजार से आयत होता है और कम तकनिकी पॉलीहाउस से थोड़ा मॅहगा होता है।
  4. तापमान को नियंत्रित करने के लिए थर्मोस्टेट की सुविधा वाले एग्जॉस्ट पंखे लगाए गए हैं।
  5. पॉलीहाउस के अंदर इष्टतम आर्द्रता बनाए रखने के लिए कूलिंग पैड और मिस्ट की भी व्यवस्था की जाती है।

पॉली हाउस के फायदे:

  1. पॉली हाउस प्रति वर्ष इकाई क्षेत्र उत्पादन और उत्पादकता एवं गुणवत्ता को बढ़ा देता है
  2. पॉली हाउस में वर्ष भर उत्पादन लिया जा सकता है
  3. पॉली हाउस में बेमौसम (ऑफ सीजन) सब्जी उगाने के लिए के काम आती है
  4. इसमें कीटनाशक खर्चे में भी कमी आती है.
  5. पॉली हाउस में पैदावार में बढ़ोतरी और कम खर्च होता है।
  6. इससे सब्जियों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाया जा सकता है।

पॉली हाउस बनाने में कितना खर्चा आता है।

वैसे तो इसके लिए सरकार सब्सिडी देती है जिसमे किसनो का कुछ सहायता है अलग –  अलग राज्यों में अलग अलग सब्सिडी योजना होती है।

1000 मीटर में पॉली हाउस बनाने में लगभग 10 लाख रुपये तक खर्चा आ जाता है जिसमे आप जितना बढ़ा पॉली हाउस बनवायेगे उसमे उतना ही खर्चा आ जाता है अगर आप 5000 मीटर लगवा रहे है तो लगभग आपका 42 से 45 लाख तक का खर्चा आ जाता है।

पॉलीहाउस खेती के नुकसान:

  1. उत्पादन लागत बहुत अधिक है, और प्रारंभिक पूंजी निवेश की एक महत्वपूर्ण राशि की आवश्यकता है।
  2. पॉलीहाउस खेती उच्च रखरखाव वाली खेती है और इसके लिए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता होती है।
  3. पॉलीहाउस चलाने के लिए तकनीकी ज्ञान आवश्यक है, और दैनिक गतिविधियों को करने के लिए एक कुशल पर्यवेक्षक और प्रशिक्षित श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
  4. पॉलीहाउस खेती बहुत अधिक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भर है, और फिर भी, जैविक कृषि के लिए कम गुंजाइश है।

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