क्या प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना सुरक्षित है? | Beetroot For Pregnancy

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Beetroot For Pregnancy in Hindi:-आज के इस Blogs में हम जानेगे कि क्या गर्भवती महिलाओ को गर्भावस्था के दौरान चुकंदर (Beetroot) खाना चाहिए या नहीं। यदि हाँ, तो कितनी मात्रा में सेवन करना चाहिए। लाल रंग का दिखने वाला चुकंदर (Beetroot) सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों की सेहत का ध्यान रखते हुए क्या खाएं से ज्यादा ध्यान इस बात पर रहता है कि क्या नहीं खाना चाहिए। चुकंदर (Beetroot) में अनेक प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते है। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अक्सर गर्भवती महिलाओ को पता होना कि गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। क्योकि गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य और बच्चे का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

चुकंदर के फायदे, उपयोग और नुकसान | Benefits, Uses and Harm of Beetroot in Hindi

Benefits, Uses and Harm of Beetroot in Hindi

गर्भावस्‍था में कई ऐसी चीजें हैं जिसे डॉक्टर के द्वारा विशेषतौर पर खाने की सलाह दी जाती है, वहीं कई चीजों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। दोस्तों चुकंदर में पौष्टिक तत्वों की भरमार है, लेकिन प्रेग्नेंसी में चुकंदर सुरक्षित है या नहीं, इसे लेकर कई महिलाओं के मन में सवाल बना रहता है। चुकंदर (Beetroot) आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है क्योंकि इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो कि खून बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है। इसके साथ साथ चुकंदर में नाइट्रेट, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयोडीन, विटामिन बी1, बी2 और विटामिन सी जैसे अनेक पोषक तत्व भी पाए जाते है। चुकंदर (beetroot in hindi) खाना वैसे तो हर किसी के लिए फायदेमंद है, लेकिन महिलाओं के लिए इसे खाना ज्यादा लाभदायक हो सकता है।

क्या प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना सुरक्षित है? | Is it safe to eat beet in pregnancy in Hindi

Beetroot For Pregnancy in Hindi:-जी हां दोस्तों, प्रेगनेंसी में चुकंदर का सेवन करना बहुत ही सुरक्षित और फायदेमंद होता है। चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट की वजह से इसे गर्भवतियों के लिए भी बहुत ही अच्छा फल बताया गया है। इस शोध के अनुसार चुकंदर के रस को 97% महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही सुरक्षित माना गया है। क्योकि चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट गर्भवास्था में महिला और उसके भ्रूण के विकास में मदद करने के साथ साथ कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। और यह नाइट्रेट भ्रूण के विकास के साथ साथ गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की पूर्ति के साथ खून की कमी को दूर करता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना बहुत ही फायदेमंद होता है।चुकंदर एक काफी पौष्टिक खाद्य पदार्थ है तो इसलिए प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे या प्रेगनेंसी में चुकंदर का जूस पीने के फायदे भी काफी अधिक हैं।

चुकंदर (Beetroot) में पाए जाने वाले पोषक तत्व

दोस्तों चुकंदर में अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है। जो कि जो गर्भावस्था में बहुत फायदेमंद होते है। बीटरूट में पाए जाने एंटीऑक्‍सीडेंट्स (anti-oxidants) शरीर के लिए अत्‍यधिक लाभदायक होते हैं। चुकंदर में उच्च आहार फाइबर, फोलेट और कैल्शियम पाए जाते है जो गर्भावस्था के दौरान बहुत जरूरी होते है। निचे सारणी में दी गई जानकारी 100 ग्राम चुकंदर के अनुसार है। ये पोषक तत्व इस प्रकार है:-

पोषक तत्त्वआरडीए           चुकंदर प्रति 100 ग्राम
कुल फोलेट600μg 109μg         
मैगनीशियम      350-360mg23 मिलीग्राम
लोहा    27mg0.8mg
पोटैशियम         2900mg325mg
आहार फाइबर28 ग्रा2.8 जी
कैल्शियम         1000mg16mg

प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के लाभ:-

प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना सुरक्षित है:-चुकंदर (Beetroot) को इंग्लिश भाषा में Beetroot कहा जाता है। दोस्तों प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने से क्या क्या लाभ होते है। पौष्टिक आहार के साथ चुकंदर के कई सारे फायदे भी हैं। क्या चुकंदर के फायदे जानते है, अगर नहीं तो आइये जानते है कि चुकंदर (Beetroot) के क्या क्या फायदे होते है। जो इस प्रकार है:-

  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे एनीमिया में (Pregnancy me Chukandar khane ke Labh Anemia me):- अक्सर महिलाओ में प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। जिसके कारण एनीमिया रोग होने का खतरा होता है। इसलिए डॉक्टर भी  महिलाओ को प्रेगनेंसी के दौरान चुकंदर (Beetroot) का जूस या कच्चा चुकंदर (Beetroot) खाने की सलाह देते है। क्योकि पके हुए चुकंदर की 150g मात्रा में 1.2mg आयरन की मात्रा होती है। जानकारी के मुताबित एक गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी में 30 से 60 मिलीग्राम प्रति दिन आयरन लेना जरूरी होता है। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी को दौरान चुकंदर (Beetroot) के जूस का भी सेवन अवश्य करना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे भ्रूण के विकास में (Pregnancy me Beetroot khane ke laabh fetal development me):- दोस्तों प्रेगनेंसी (Pregnancy) में चुकंदर (Beetroot) का सेवन करना एक गर्भवती महिला के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होता है। क्योकि चुकंदर (Beetroot) में फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जो कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। यह फोलिक एसिड अजन्मे बच्चे को बर्थ डिफेक्ट होने से बचाता है, और साथ ही भ्रूण के शरीर में नए सेल्स बनने में, दिमाग के विकास में तथा रीढ़ की हड्डी बनने में मदद करता है। इसलिए एक्सपर्ट्स के अनुसार भ्रूण की वृद्धि के लिए चुकंदर का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है।
  • गर्भावस्था में चुकंदर खाने के फायदे पाचन में (Pregnancy me Beetroot khane ke fayde pachan me):- शोधकर्ताओं के अनुसार यदि गर्भवती महिला प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान चुकंदर (Beetroot) का सेवन करे तो गर्भावस्था में कब्ज को दूर करने में सहायता करता है। और साथ ही पाचन क्रिया को ठीक करता है। क्योकि चुकंदर (Beetroot) एक हाई फाइबर रिच फूड है। जो कि हमारे शरीर में फाइबर की कमी को दूर करता है। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी को दौरान चुकंदर (Beetroot) के जूस का भी सेवन अवश्य करना चाहिए। क्योकि एक कप चुकंदर में लगभग 4 ग्राम फाइबर होता है।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना तंत्रिका ट्यूब दोष को रोकने में मदद करता है (Benefits of Eating Beetroot in Pregnancy for prevent neural tube defects in Hindi):- दोस्तों आपको पहले भी बता चुके है कि चुकंदर (Beetroot) को फोलिक एसिड का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। जो कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बहुत जरूरी होता है। यह फोलिक एसिड बच्चे को कई विकारो से बचता है। यदि गर्भवती महिला चुकंदर (Beetroot) का नियमित रूप और सही मात्रा में सेवन करे तो चुकंदर (Beetroot) में मौजूद फोलिक एसिड होने वाले बच्चे में रीढ़ की हड्डी से जुड़ा दोष स्पाइना बिफिडा होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है। साथ ही फॉलिक ऐसिड दिमागी विकास को भी बढ़ाता है। इसलिए प्रेगनेंसी (Pregnancy) में चुकंदर का सेवन करना लाभदायक होता है।
  • सही वजन बनाए रखने के लिए गर्भावस्था में खाएं चुकंदर (Sahi vajan banaye rakhne ke liye Pregnancy me khaye chukandar):- अक्सर देखा जाता है कि गर्भवती महिलाओ का प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान वजन बढ़ने लगता है। इसलिए शोधकर्ताओं के अनुसार चुकंदर का सेवन गर्भावस्थ्या के दौरान किया जाये तो बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। क्योकि चुकंदर विटामिन सी, पोटेशियम, फाइबर, फोलेट, मैंगनीज और आयरन आदि पोसक तत्वों से भरा होता हैं। गर्भवती महिलाओ के लिए चुकंदर आहार के लिए एक अच्छा है।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है (Eating beetroot during pregnancy helps in increasing immunity):- अक्सर गर्भवती महिलाओ को गर्भावस्थ्या के दौरान अनेक प्रकार के इंफेक्शन और मौसमी बीमारिया होने का खतरा रहता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में चुकंदर प्रेग्नेंट महिला की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। क्योकि चुकंदर (Beetroot) में भरपूर मात्रा में ऐंटिऑक्सिडेंट्स गुण मौजूद होते है। जो एक प्रेग्नेंट महिला की इम्यूनिटी को बढ़ाने में काफी अच्छी भूमिका निभाता है।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने से जोड़ों के दर्द और सूजन में मदद करता है (Eating beetroot during pregnancy helps with joint pain and swelling):- प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर गर्भवती महिलाओ के जोड़ो और हाथ-पैरो में दर्द और सूजन, ब्रेस्ट में दर्द तथा शरीर के अन्य कई अंगो में जलन व सूजन रहती है। इस सभी समस्याओ से बचने के लिए गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot) का सेवन करना चाहिए। क्योकि चुकंदर में बीटेन नाम का ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री एजेंट पाया जाता है जो शरीर में होने वाले किसी भी तरह के इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और जलन को दूर करने में मदद करता है।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने से ब्लड शुगर लेवल रहेगा कंट्रोल में (Eating beetroot during pregnancy will keep blood sugar level under control):- गर्भावस्थ्या के दौरान अक्सर महिलाओ में डायबिटीज होने का खतरा रहता है। यह जेस्टेशनल डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो केवल गर्भवती महिलाओ में ही होती है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान चुकंदर का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। चुकंदर (Beetroot) एक लो-ग्लाइसेमिक फूड है जिसे ग्लूकोज (Glucose) में बदलने में काफी वक्त लगता है और यह खून में भी देर से अब्जॉर्ब होता है। इसलिए जेस्टेशनल डायबिटीज को कम या कंट्रोल करने के लिए गर्भवती महिलाओ प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot) का सेवन करना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने से खून की पूर्ति (Blood supply by eating beetroot during pregnancy):- प्रेगनेंसी में गर्भवती महिलाओ के शरीर में ब्लड की कमी नजर आती है। प्रेगनेंसी में ब्लड (Blood) की कमी को दूर करने के लिए एक्सपर्ट और डॉक्टर्स भी चुकंदर (Beetroot) का सेवन करने की सलाह देते है। क्योकि चुकंदर (Beetroot) में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है। जो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की संख्या में बढ़ोतरी करने में सहायक होता है। आयरन की कमी से एनीमिया रोग गर्भावस्था के दौरान हो सकता है और कमजोरी और थकान जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। अतः गर्भवती महिलाओ को चुकंदर (Beetroot) डॉक्टर की सलाह पर सही मात्रा में सेवन करना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर ऑस्टियोपोरोसिस को रोकता है (Hesitates beetroot in pregnancy):- अक्सर प्रेगनेंसी में गर्भवती महिलाओ को ऑस्टियोपोरोसिस रोग होने का डर रहता है। यह रोग कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण हो जाता है और हड्डियां भुरभुरी हो जाती हैं। इस समस्या से बचने के लिए प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot)का सेवन करना चाहिए। क्योकि चुकंदर में सिलिका होता है, जो शरीर को कैल्शियम का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। और साथ ही हड्डियों तथा दांतो को कमजोर होने से बचता है।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर प्राकृतिक रक्त शोधक होता है (Beetroot natural blood discovery in pregnancy):- दोस्तों प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot) प्राकृतिक रक्त शोधक के रूप में काम करता है। क्योकि चुकंदर (Beetroot) में रक्त को शुद्ध करने की ताकत होती है। चुकंदर पेट में पल रहे बच्चे को कई प्रकार की बीमारियों और संक्रमण के जोखिम से बचाता है। प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot) का सेवन करने से हमारी शारीरिक सहनशक्ति भी बढ़ती है। और प्रसव पीड़ा सहन करने में मदद करता है। इसके साथ ही चुकंदर (Beetroot) त्वचा को चमकदार बनाए रखने में भी मदद करते हैं। क्योकि चुकंदर में विटामिन सी भी मौजूद होता है। दाग-धब्बों और ब्रेकआउट को दूर रखने में मदद करता है।

प्रेगनेंसी में चुकंदर कब, कितना और कैसे खाना चाहिए

चुकंदर (Beetroot) की तासीर तासीर ठण्डी होती है। एक गर्भवती महिला को एक दिन में एक चुकंदर का सेवन करना चाहिए या फिर 250 ml चुकंदर के जूस का सेवन करना चाहिए। चुकंदर का सेवन सुबह करना चाहिए। पके हुए चुकंदर (Beetroot) की तुलना में आपको कच्चे चुकंदर का सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है। क्योकि चुकंदर में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोसक तत्व मौजूद होते हैं। गर्भवती महिलाएं चुकंदर का सेवन सलाद बनाकर, जूस बनाकर, सब्जी बनाकर और हलवा बनाकर किसी भी प्रकार से कर सकती हैं। WHO के अनुसार एक गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के शुरुआती तीन महीनों इसका सेवन करना लाभदायक होता हैं।

गर्भावस्था में चुकंदर खाने के नुकसान

दोस्तों चुकंदर (Beetroot) का अगर सीमित मात्रा में सेवन किया जाये तो इसके अनेक फायदे होते है। जैसे की अपने ऊपर के लेख में पढ़ चुके हो। और यदि चुकंदर का अधिक मात्रा में सेवन किया जाये तो इसके कई नुकसान भी हो सकते है। ये नुकसान इस प्रकार है:-

  • जिन महिलाओ को किडनी और लिवर से संबंधित कोई भी बीमारी है तो चुकंदर (Beetroot) का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
  • कई महिलाओं को चुकंदर (Beetroot) का अधिक मात्रा में सेवन करने से मतली और दस्त जैसी समस्या हो जाती है। इसलिए इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करे।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot) का अधिक मात्रा में सेवन करने से हार्टबर्न व सीने में जलन हो सकती है।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर का अधिक मात्रा में सेवन करने से  मेथेमोग्लोबिनेमिया (Methemoglobinemia) जैसे रक्त संबंधी विकार हो सकते हैं।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर का अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी स्टोन का खतरा और थायरॉयड वालों के लिए नुकसानदायक हो सकता हैं।
  • प्रेगनेंसी में चुकंदर (Beetroot) का अधिक मात्रा में सेवन करने से भ्रूण की कोशिकाओं में परिवर्तन और घातक परिवर्तन हो सकता है।
  • जिन लोगो का ब्लड शुगर लेवल अधिक होता है, उन्हें चुकंदर (Beetroot) का सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान नही खाना चाहिए।
  • कई लोगो को चुकंदर (Beetroot) खाने से एलर्जी भी हो सकती है।
  • चुकंदर (Beetroot) का अधिक मात्रा में सेवन करने से प्रेग्नेंसी में पेशाब का रंग लाल व गुलाबी रंग का हो सकता है।

नाइट्रेट की विषाक्तता की वजह से 30वें हफ्ते के बाद होने वाले नुकसान:-

  • चुकंदर (Beetroot) का सेवन करने का सही समय शुरुवाती तीन महीने में फायदेमंद होता है। इसके बाद यदि सेवन किया जाये तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर होठों का रंग नीला पड़ने लगता है।
  • नाइट्रेट की विषाक्तता की वजह से 30वें हफ्ते के बाद चुकंदर का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है।
  • नाइट्रेट की विषाक्तता की वजह से 30वें हफ्ते के बाद प्रेगनेंसी में सांस लेने में समस्या होने लगती है।
  • नाइट्रेट की विषाक्तता की वजह तेज नाड़ी, चक्कर आना, कमजोरी और कोमा आदि समस्या उतपन हो सकती है।
  • चॉकलेट, पालक, नट्स, रूबर्ब और कुछ चाय के साथ चुकंदर का सेवन करने से ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ जाती है और यह गुर्दे की पथरी का कारण बनता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या चुकंदर (Beetroot) खाने से बच्चे का रंग काला होता है?

दोस्तों यह बात पूर्णतया गलत है। क्योकि लोगो का मानना है कि चुकंदर का रंग डार्क होता है, इसलिए होने वाला बच्चा भी डार्क होगा और केसर खाने से गोरा होगा। ये दोनों ही बाते गलत है।

प्रेगनेंसी में एक दिन में कितना चुकंदर खाना चाहिए?

आप 1 दिन में 250 ml चुकंदर का जूस दो बार में ले सकती हैं या फिर एक चुकंदर का सेवन कर सकते हो। इससे अधिक का सेवन आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रेगनेंसी में चुकंदर का सही मात्रा में सेवन करने से कई बीमारियों से रक्षा करता है।

चुकंदर की तासीर गर्म होती है या ठंडी?

दोस्तों चुकंदर की तासीर ठंडी होती है, और चुकंदर के सेवन से शरीर में खून की कमी दूर होती है। इसके साथ ही कई रोगो सक्रमण से भी बचाता है।

प्रेगनेंसी में चुकंदर कब खाना चाहिए?

दोस्तों जब प्रेगनेंसी में ब्लड की कमी नजर आती है, तो चुकंदर का सेवन करना लाभदायक होता है। क्योकि चुकंदर में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है। जो कि हिमोग्लोबिन की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है। और साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया रोग होने का खतरा काफी कम हो जाता है।

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