बवासीर में लहसुन के फायदे | Benefits of Garlic in Piles

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Benefits of Garlic in Piles:- दोस्तों आज हम इस Blogs में Lahsun खाने के फायदे के बारे में बतायेगे। और साथ ही यह भी बतायेगे की बवासीर में Lahsun खाना चाहिए या नहीं। वैसे तो लहसुन का उपयोग सभी घरो किसी-ना-किसी रूप में किया ही जाता है। जैसे चटनी, आचार, सब्जी, और मसालों में। साथ ही यह कई बीमारियों से जैसे कि बवासीर, कब्ज, कान का दर्द, ब्लड प्रेशर, भूख बढाने आदि में किया जाता है।

Benefits of Garlic in Piles

लहसुन:-Lahsun का वैज्ञानिक नाम Allium Satium है। इसे अंग्रेजी में गार्लिक (Garlic) कहा जाता है। लहसुन की खेती भारत देश में उत्तर-प्रदेस, उत्तराखंड, मध्य्प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तथा राजस्थान में की जाती है।लहसुन में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं तथा कई बीमारियों के समाधान के लिए फायदेमंद है।

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Benefits of Garlic in Piles:

लहसुन खाने के फायदे:- Lahsun खाने के काफी फायदे होते है। इसे कई लोग कच्चा और कई लोग भुना हुआ खाना पसंद करते है। लहसुन में प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि तत्व पाये जाते हैं। इसके साथ ही लहसुन में गंधग की अधिक मात्रा होती है। इसलिए इसे पीसने पर यह ऐलिसिन नामक पदार्थ में बदल जाता है। और इसका स्वाद कस्ले कसैला होता है। अगर आप रोजाना लहसुन का सेवन करते हैं, तो कई बीमारियों की समस्या से काफी हद तक आराम पा सकते हैं। आइये दोस्तों लहसुन खाने के फायदे के बारे में जानते है, जो इस प्रकार है:-

  • कच्चा Lahsun खाने से पुरुसो की मर्दाना शक्ति में बढ़ोतरी होती है। क्योंकि Lahsun में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने का गुण होता है।
  • लहसुन में एंटीवायरल, एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। जो हमे सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों को रोकने में काफी फायदेमंद होते है।
  • अगर लहसुन की एक कली रोज सुबह खाली पेट खाई जाये तो यह हमारे शरीर को तन्दुरुस्तः बनाये रखता है।
  • लहसुन का सेवन करना हमारे पाचन शक्ति के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती हैं। जो पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है।
  • Lahsun का तेल हमारे बालो के लिए काफी अच्छा रहता है। जो हमारे बालो को पोसण प्रदान कर उन्हें मजबूत और सुन्दर बनाता है।
  • कच्चे Lahsun को पीसकर हमारे शरीर पर हो रहे दाद या फंगल इंफेकशन पर लगाने पर काफी काफी फायदेमंद होते है।
  • लहसुन का सेवन करने से हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर भी बढ़ती है। क्योकि इसमें विटामिन-C और B6 तथा दूसरे मिनरल्स इम्युनिटी पावर को बूस्ट करने का काम करते है। जो हमे संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बचाता है।
  • गठिया के रोगियों के लिए लहसुन का सेवन करना, रामबाण औषधि से कम नहीं है। क्योकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाया जाता है। जो गठिया के दर्द में राहत दिलाता है।
  •  लहसुन खाना हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। Lahsun ब्लड सर्कुलेशन और लो कोलेस्ट्रॉल को बनाये रखने में फायदेमंद होता है। इसलिए आयुर्वेद की भाषा में खा जाता है की दिल को स्वस्थ बनाये रखने के लिए रोज सुबह कच्चे लहसुन की एक कली का सेवन करना फायदेमंद होता है।
  • लहसुन का आयल दांतो पर लगाने से दर्द और दॉतो की झनझनाहट में राहत मिलती है। इसलिए लहसुन दांतो के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  •  लहसुन का सेवन करने से अस्थमा, निमोनिया, ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुरानी सर्दी, फेफड़ों में जमाव और कफ आदि से निजात दिलाता है। भुना हुआ लहसुन खाने से सर्दी, खांसी और जुकाम आदि बीमारियों में काफी राहत मिलती है।

बवासीर में Lahsun के फायदे:- आइये दोस्तों अब जानते है बवासीर की बीमारी में लहसुन खाने के फायदे, जो इस प्रकार है:-

  • कब्ज की कब्ज की समस्या में राहत:- बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को कब्ज के कारण मल त्यागने में काफी परेशानी होती है। इस स्थिति में लहसुन के सेवन करना बवासीर के रोगियों के लिए काफी फायदेमद साबित होता है। क्योकि लहसुन में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जिससे पेट में कब्ज की समस्या कम हो जाती है। और लहसुन की तासीर बहुत गर्म होती है, जो मल को मुलायम बनाने में प्रभावी होती है। तथा बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों मल त्यागने आसानी होती है।
  • मस्से की परेशानी होगी कम:- बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को मस्से की बी समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए लहसुन का सेवन दूध के साथ रोज सुबह खाली पेट करना चाहिए। क्योकि लहसुन और दूध का मिश्रण हमारी पाचन शक्ति को अच्छा करता है। जिससे बवासीर की परेशानी से राहत मिलती है और साथ ही मस्सों की समस्या कम होती है।
  • दर्द और सूजन में राहत:- दोस्तों अक्सर लोगो को बवासीर की बीमारी होने पर गुदे के आस-पास सूजन हो जाती है और साथ ही दर्द का भी सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए लहसुन का सेवन गुन-गुने पानी के साथ रोज सुबह खाली पेट करना चाहिए। दर्द और सूजन की शिकायत से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
  • ब्लीडिंग हो सकती है कम:- बवासीर की बीमारी में मस्से के साथ-साथ ब्लीडिंग की भी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी से राहत पाने के लिए लहसुन और शहद का सेवन रोज सुबह खाली पेट किया जा सकता है। क्योकि लहसुन और शहद में अमीनो एसिड, एंजाइम, प्रोटीन जैसे पोशक तत्व मौजूद होते है। ब्लीडिंग को कम करने में सहयक होते है।

बवासीर की बीमारी में किन-किन चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए:-दोस्तों अगर आप बवासीर की बीमारी से ग्रस्त है, तो आपको किन किन चीजों से परहेज़ करना चाहिए। यह जान लेना बहुत आवश्य्क है, की किन किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, जिन से बवासीर बढ़ने का खतरा होता है। जो इस प्रकार है;-

  • कैफीन से बनी हुई चीजों, जैसे चाय और कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योकि इनकी तासीर बहुत गर्म होती है। इसके सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है और बवासीर में नुकसान पहुँचता है।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को नशीले पदार्थ जैसे गुटका, सुपारी, गुटखा, पान मसाला, सिगरेट और दारू आदि का सेवन से दूर रहना चाहिए।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को बेसन, आलू, बैंगन आदि सब्जियों के सेवन से दूर रहना चाहिए।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को तेज मिर्च व मसालों का सेवन नहीं करना चाहिए तथा तेल में तली हुई चीजों का भी से नहीं करना चाहिए।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को मांस, मछली, अंडा, दूध आदि से दूर रहना चाहिए।
बवासीर की बीमारी में किन-किन चीजों के सेवन करना चाहिए:-दोस्तों अगर आप बवासीर की बीमारी से ग्रस्त है, तो आपको किन किन चीजों का करना चाहिए। यह जान लेना बहुत आवश्य्क है, की किन किन चीजों का सेवन  करने से बवासीर के बढ़ते खतरे को कम किया जा सकता है। जो इस प्रकार है;-
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। क्योकि पानी मल को पतला करने का काम करता है। जिससे रोगी को मल त्यागने में आसानी होती है।
  •  बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को अधिक से अधिक ताजी हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए और फलों को डाइट में शामिल करना चाहिए। क्योकि हरी सब्जियों में विटामिन्स, प्रोटीन, तथा एन्टीऑक्ससिडेंट होते है।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को दही का सेवन करना चाहिए। क्योकि दही में प्रोटीन, विटामिन-12, विटामिन-D, कैल्सियम तथा अन्य पोसक तत्व पाए जाते है। जो हमारे गुदा के अंदर हो रही सूजन को कम करता है।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को साबुत अनाज, अंकुरित अनाज तथा जीरे का सेवन करना चाहिए। भुने हुए जीरे के पाउडर को गुन गुने पानी के साथ पिने से कब्ज की समस्या कम होती है। और साथ ही बुखार में भी फायदेमंद होता है। यह आंतो व गुदा में इन्फेक्सशन को कम करता है।
  • बवासीर की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को खीरे का सेवन करना चाहिए। क्योकि खीरे में पानी के साथ-साथ फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन-बी, विटामिन ए, और एंटीऑक्सीडेंट आदि अनेक प्रकार के गुण मौजूद होते है। ये सब बवासीर के लक्ष्णों को कम करते है।

अस्वीकरण:-

इस लेख में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अतः बवासीर से ग्रस्त रोगियों को अगर परेशानी काफी ज्यादा बढ़ रही है, तो इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेकर ही लहसुन का सेवन करें।

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