दोस्तों आज हम आपको Gauri Shabd Roop in Sanskrit के बारे में लेख लिखा है। अक्सर कक्षा 6,7,8,9,10 के विद्यार्थियों को गौरी शब्द रूप के बारे में पूछा जाता है। Gauri Shabd Roop संस्कृत व्याकरण में ज्यादातर इस्तेमाल या पूछा जाने वाला शब्द रूप हैं। आप किसी कक्षा जैसे कि 7, 8, 9 में पढ़ते हैं तो आपकों इन शब्द रूप को याद करना अति अनिवार्य हैं। गौरी शब्द रूप काफी ज्यादा पूछा जाने वाला शब्द रूप हैं। किसी भी Exam में, यदि संस्कृत Subject हैं तो आपसे गौरी शब्द रूप से जुड़े सवाल जरूर पूछे जाते हैं। इस लेख में हमने गौरी शब्द रूप, गौरी शब्द के रूप सातों विभक्ति में विस्तार से जानकारी दी है।
गौरी शब्द ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द है। सभी ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- गृहिणी, काली, गोपी, लक्ष्मी, वाणी, जननी, जगती, श्री, सखी, तरी, स्त्री, शैली, सती आदि।
गौरी शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Gauri Shabd Roop in Sanskrit
गौरी शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | गौरी | गौर्यौ | गौर्यः |
द्वितीया | गौरीम् | गौर्यौ | गौरीः |
तृतीया | गौर्या | गौरीभ्याम् | गौरीभिः |
चतुर्थी | गौर्यै | गौरीभ्याम् | गौरीभ्यः |
पंचमी | गौर्याः | गौरीभ्याम् | गौरीभ्यः |
षष्ठी | गौर्याः | गौर्योः | गौरीणाम् |
सप्तमी | गौर्याम् | गौर्योः | गौरीषु |
सम्बोधन | हे गौरि! | हे गौर्यौ! | हे गौर्यः! |
आशा करता हूँ की आपको इस लेख से गौरी शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।