नमस्कार दोस्तों, यहाँ पर आपको जि-जय् धातु के रूप संस्कृत में सिखने को मिलने वाला है। Jay Dhatu Roop के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते है। और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको जि-जय् धातु रूप के बारे मे बता रहे है। जि-जय् धातु का अर्थ है ‘जीतना, to win’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अर्च्, भू-भव्, अस्, गम्, घ्रा, गुह्, आदि। Jay Dhatu Roop संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जयति
जयतः
जयन्ति
मध्यम पुरुष
जयसि
जयथः
जयथ
उत्तम पुरुष
जयामि
जयावः
जयामः
Jay Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जेष्यति
जेष्यत:
जेष्यन्ति
मध्यम पुरुष
जेष्यसि
जेष्यथ:
जेष्यथ
उत्तम पुरुष
जेष्यामि
जेष्याव:
जेष्याम:
Jay Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अजयत्
अजयताम्
अजयन्
मध्यम पुरुष
अजयः
अजयतम्
अजयत
उत्तम पुरुष
अजयम्
अजयाव
अजयाम
Jay Dhatu Roop
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जयतु
जयताम्
जयन्तु
मध्यम पुरुष
जय
जयतम्
जयत
उत्तम पुरुष
जयानि
जयाव
जयाम
Jay Dhatu Roop
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जयेत्
जयेताम्
जयेयुः
मध्यम पुरुष
जयेः
जयेतम्
जयेत
उत्तम पुरुष
जयेयम्
जयेव
जयेम
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अजैषीत्
अजैष्टाम्
अजैषुः
मध्यम पुरुष
अजैषीः
अजैष्टम्
अजैष्ट
उत्तम पुरुष
अजैषम्
अजैष्व
अजैष्म
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जिगाय
जिग्यतुः
जिग्युः
मध्यम पुरुष
जिगयिथ
जिग्यथुः
जिग्य
उत्तम पुरुष
जिगय
जिग्यिव
जिग्यिम
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जेता
जेतारौ
जेतार:
मध्यम पुरुष
जेतासि
जेतास्थ:
जेतास्थ
उत्तम पुरुष
जेतास्मि
जेतास्व:
जेतास्म:
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
जीयात्
जीयास्ताम्
जीयासुः
मध्यम पुरुष
जीयाः
जीयास्तम्
जीयास्त
उत्तम पुरुष
जीयासम्
जीयास्व
जीयास्म
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अजेष्यत्
अजेष्यताम्
अजेष्यन्
मध्यम पुरुष
अजेष्यः
अजेष्यतम्
अजेष्यत
उत्तम पुरुष
अजेष्यम्
अजेष्याव
अजेष्याम
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