नमस्कार दोस्तों, जब संस्कृत में पहली बार शब्द रूप पढ़ाया जाता है, तो सबसे पहले Khanj Shabd Roop in Sanskrit पढ़ाया जाता है। परीक्षाओं में भी खास कर खञ्ज् शब्द के ऊपर प्रश्न भी आता है। अगर आज आप ये शब्द रूप अच्छे से पढ़ेंगे, तो आपको परीक्षा में इस शब्द रूप के ऊपर कोई समस्या नहीं होगी। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए शब्द के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक शब्द के कई रूप हो सकते है। खञ्ज् (लँगड़ा या पंगु), शब्द जकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी जकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- ऋत्विज् (ऋत्विक्, ऋत्विग्), युज् (जोड़ना, Addition), देवेज् (देवताओं की पूजा करने वाला), आदि।
खञ्ज् शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Khanj Shabd Roop in Sanskrit
खञ्ज् शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | खन् | खञ्जौ | खञ्जः |
द्वितीया | खञ्जम् | खञ्जौ | खञ्जः |
तृतीया | खञ्जा | खन्भ्याम् | खन्भिः |
चतुर्थी | खञ्जे | खन्भ्याम् | खन्भ्यः |
पंचमी | खञ्जः | खन्भ्याम् | खन्भ्यः |
षष्ठी | खञ्जः | खञ्जोः | खञ्जाम् |
सप्तमी | खञ्जि | खञ्जोः | खन्त्सु / खन्सु |
सम्बोधन | हे खन्! | हे खञ्जौ! | हे खञ्जः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से खञ्ज् शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।