नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत शब्द रूप से बने Mathin Shabd Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए शब्द के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक शब्द के कई रूप हो सकते है। मथिन् शब्द रूप के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते हे और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको मथिन् शब्द के रूप के बारे मे बता रहे है।
मथिन् (मथने वाला) शब्द नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- अर्यमन्, आत्मन्, अर्वन्, एकाकिन्, ऋभुक्षिन्, करिन्, आदि।
मथिन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Mathin Shabd Roop in Sanskrit
मथिन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | मन्थाः | मन्थानौ | मन्थानः |
द्वितीया | मन्थानम् | मन्थानौ | मथः |
तृतीया | मथा | मथिभ्याम् | मथिभिः |
चतुर्थी | मथे | मथिभ्याम् | मथिभ्यः |
पंचमी | मथः | मथिभ्याम् | मथिभ्यः |
षष्ठी | मथः | मथोः | मथाम् |
सप्तमी | मथि | मथोः | मथिषु |
सम्बोधन | हे मन्थाः! | हे मन्थानौ! | हे मन्थानः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से मथिन् शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।