नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत शब्द रूप से बने Nagari Shabd Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। अक्सर कक्षा 6,7,8,9,10 के विद्यार्थियों को Nagari Shabd Roop के बारे में पूछा जाता है। नगरी का शब्द रूप क्या होता है जैसा कि बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि नगरी का शब्द रूप क्या होता है इसलिए जिन लोगों को नहीं पता वह लोग घबराए ना क्योंकि हम अपने इस पोस्ट में इसी के बारे में बताने वाले हैं किNagari Shabd Roop क्या होगा जिसे पढ़कर आप लोग आसानी से जान सकते हैं। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए शब्द के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक शब्द के कई रूप हो सकते है।
नगरी शब्द ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द है। सभी ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- गृहिणी, काली, गोपी, जगती, गौरी, जननी, देवी, तरी, धी, नटी, आदि। ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द :- वह संज्ञा शब्द जिनका लिंग स्त्रीलिंग हो तथा उनके उच्चारण के अंत में ‘ ई ‘ स्वर की ध्वनि निकले उसे ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द कहते हैं।
नगरी शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Nagari Shabd Roop in Sanskrit
नगरी शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | नगरी | नगर्यौ | नगर्यः |
द्वितीया | नगरीम् | नगर्यौ | नगरीः |
तृतीया | नगर्या | नगरीभ्याम् | नगरीभिः |
चतुर्थी | नगर्यै | नगरीभ्याम् | नगरीभ्यः |
पंचमी | नगर्याः | नगरीभ्याम् | नगरीभ्यः |
षष्ठी | नगर्याः | नगर्योः | नगरीणाम् |
सप्तमी | नगर्याम् | नगर्योः | नगरीषु |
सम्बोधन | हे नगरि! | हे नगर्यौ! | हे नगर्यः! |
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आशा करता हूँ की आपको इस लेख से नगरी शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।