नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत शब्द रूप से बने Rajan Shabd Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए शब्द के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक शब्द के कई रूप हो सकते है। आज हम आपको राजन् शब्द रूप के बारे में लेख लिखा है। इस लेख में हमने राजन् शब्द रूप, राजन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में विस्तार से जानकारी दे रहे है। अक्सर कक्षा 6, से ,10 के विद्यार्थियों को राजन् शब्द रूप के बारे में पूछा जाता है। राजन् (राजा) शब्द नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- अर्यमन्, अर्वन्, आत्मन्, ऋभुक्षिन्, करिन्, एकाकिन्, तपस्विन्, गुणिन्, दण्डिन्, आदि।
राजन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Rajan Shabd Roop in Sanskrit
राजन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | राजा | राजानौ | राजानः |
द्वितीया | राजानम् | राजानौ | राज्ञः |
तृतीया | राज्ञा | राजभ्याम् | राजभिः |
चतुर्थी | राज्ञे | राजभ्याम् | राजभ्यः |
पंचमी | राज्ञः | राजभ्याम् | राजभ्यः |
षष्ठी | राज्ञः | राज्ञोः | राज्ञाम् |
सप्तमी | राज्ञि / राजनि | राज्ञोः | राजसु |
सम्बोधन | हे राजन्! | हे राजानौ! | हे राजानः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से राजन् शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।