Vratrahan Shabd Roop in Sanskrit – वृत्रहन् (इंद्र) शब्द नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- अर्यमन्, अर्वन्, आत्मन्, ऋभुक्षिन्,करिन्, एकाकिन्, गुणिन्, आदि।
वृत्रहन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Vratrahan Shabd Roop in Sanskrit
वृत्रहन् शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | वृत्रहा | वृत्रहणौ | वृत्रहणः |
द्वितीया | वृत्रहणम् | वृत्रहणौ | वृत्रघ्नः |
तृतीया | वृत्रघ्ना | वृत्रहभ्याम् | वृत्रहभिः |
चतुर्थी | वृत्रघ्ने | वृत्रहभ्याम् | वृत्रहभ्यः |
पंचमी | वृत्रघ्नः | वृत्रहभ्याम् | वृत्रहभ्यः |
षष्ठी | वृत्रघ्नः | वृत्रघ्नोः | वृत्रघ्नाम् |
सप्तमी | वृत्रघ्नि / वृत्रहणि | वृत्रघ्नोः | वृत्रहसु |
सम्बोधन | हे वृत्रहन्! | हे वृत्रहणौ! | हे वृत्रहणः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से वृत्रहन् शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।