नमस्कार दोस्तों, यहाँ पर आपको अर्च् धातु के रूप संस्कृत में सिखने को मिलने वाला है। छात्रों से अक्सर स्कूलों और प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी Arch Dhatu Roop in Sanskrit में लिखने के लिए कहा जाता हैं। अर्च् धातु रूप के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते है। और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको अर्च् धातु रूप के बारे मे बता रहे है। अर्च् धातु का अर्थ है ‘पूजा करना, to worship’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अस्, गुह्, गम्, घ्रा, भू-भव्, तप्, जि, आदि। Arch Dhatu Roop संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
1 . लट् लकार (वर्तमान काल, Present Tense)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अर्चति
अर्चतः
अर्चन्ति
मध्यम पुरुष
अर्चसि
अर्चथः
अर्चथ
उत्तम पुरुष
अर्चामि
अर्चावः
अर्चामः
Arch Dhatu Roop
2. लृट् लकार (भविष्यत काल, Future Tense)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अर्चिष्यति
अर्चिष्यत:
अर्चिष्यन्ति
मध्यम पुरुष
अर्चिष्यसि
अर्चिष्यथ:
अर्चिष्यथ
उत्तम पुरुष
अर्चिष्यामि
अर्चिष्याव:
अर्चिष्याम:
Arch Dhatu Roop
3. लङ् लकार (भूतकाल, Past Tense)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
आर्चत्
आर्चताम्
आर्चन्
मध्यम पुरुष
आर्चः
आर्चतम्
आर्चत
उत्तम पुरुष
आर्चम्
आर्चाव
आर्चाम
Arch Dhatu Roop
4. लोट् लकार (आज्ञा के अर्थ में, Imperative Tense)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अर्चतु
अर्चताम्
अर्चन्तु
मध्यम पुरुष
अर्च
अर्चतम्
अर्चत
उत्तम पुरुष
अर्चानि
अर्चाव
अर्चाम
Arch Dhatu Roop
5. विधिलिङ् लकार (चाहिए के अर्थ में, Potential Mood)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अर्चेत्
अर्चेताम्
अर्चेयु:
मध्यम पुरुष
अर्चे:
अर्चेतम्
अर्चेत
उत्तम पुरुष
अर्चेयम्
अर्चेव
अर्चेम
6. लुङ् लकार (सामान्य भूतकाल, Perfect Tense)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
आर्चीत्
आर्चिष्टाम्
आर्चिषुः
मध्यम पुरुष
आर्चीः
आर्चिष्टम्
आर्चिष्ट
उत्तम पुरुष
आर्चिषम्
आर्चिष्व
आर्चिष्म
7. लिट् लकार (परोक्ष भूतकाल, Past Perfect Tense)
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
आनर्च
आनर्चतुः
आनर्चुः
मध्यम पुरुष
आनर्चिथ
आनर्चथुः
आनर्च
उत्तम पुरुष
आनर्च
आनर्चिव
आनर्चिम
8. लुट् लकार (अनद्यतन भविष्य काल, First Future Tense of Periphrastic)