नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत धातु रूप से बने Krudh Dhatu Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए धातु के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक धातु के कई रूप हो सकते है। क्रुध् धातु का अर्थ है ‘क्रोध करना, to angry’। यह दिवादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी दिवादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- विद्, दिव्, जन्, नृत्, नश्, शम्, सिव् आदि। Krudh Dhatu Roop संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
Table of Contents
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रुध्यति
क्रुध्यतः
क्रुध्यन्ति
मध्यम पुरुष
क्रुध्यसि
क्रुध्यथः
क्रुध्यथ
उत्तम पुरुष
क्रुध्यामि
क्रुध्यावः
क्रुध्यामः
Krudh Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रोत्स्यति
क्रोत्स्यत:
क्रोत्स्यन्ति
मध्यम पुरुष
क्रोत्स्यसि
क्रोत्स्यथ:
क्रोत्स्यथ
उत्तम पुरुष
क्रोत्स्यामि
क्रोत्स्याव:
क्रोत्स्याम:
Krudh Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अक्रुध्यत्
अक्रुध्यताम्
अक्रुध्यन्
मध्यम पुरुष
अक्रुध्यः
अक्रुध्यतम्
अक्रुध्यत
उत्तम पुरुष
अक्रुध्यम्
अक्रुध्याव
अक्रुध्याम
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रुध्यतु
क्रुध्यताम्
क्रुध्यन्तु
मध्यम पुरुष
क्रुध्य
क्रुध्यतम्
क्रुध्यत
उत्तम पुरुष
क्रुध्यानि
क्रुध्याव
क्रुध्याम
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रुध्येत्
क्रुध्येताम्
क्रुध्येयुः
मध्यम पुरुष
क्रुध्येः
क्रुध्येतम्
क्रुध्येत
उत्तम पुरुष
क्रुध्येयम्
क्रुध्येव
क्रुध्येम
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अक्रुध
अक्रुधताम्
अक्रुधन्
मध्यम पुरुष
अक्रुधः
अक्रुधतम्
अक्रुधत
उत्तम पुरुष
अक्रुधम्
अक्रुधाव
अक्रुधाम
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
चुक्रोध
चुक्रुधतुः
चुक्रुधुः
मध्यम पुरुष
चुक्रोधिथ
चुक्रुधथुः
चुक्रुध
उत्तम पुरुष
चुक्रोध
चुक्रुधिव
चुक्रुधिम
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रोद्धा
क्रोद्धारौ
क्रोद्धार:
मध्यम पुरुष
क्रोद्धासि
क्रोद्धास्थ:
क्रोद्धास्थ
उत्तम पुरुष
क्रोद्धास्मि
क्रोद्धास्व:
क्रोद्धास्म:
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रुध्यात्
क्रुध्यास्ताम्
क्रुध्यासुः
मध्यम पुरुष
क्रुध्याः
क्रुध्यास्तम्
क्रुध्यास्त
उत्तम पुरुष
क्रुध्यासम्
क्रुध्यास्व
क्रुध्यास्म
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अक्रोत्स्यत्
अक्रोत्स्यताम्
अक्रोत्स्यन्
मध्यम पुरुष
अक्रोत्स्यः
अक्रोत्स्यतम्
अक्रोत्स्यत
उत्तम पुरुष
अक्रोत्स्यम्
अक्रोत्स्याव
अक्रोत्स्याम
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