शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो – मंत्र | Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho

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Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho:- भगवान शिव तथा उनके अवतारों को मानने वालों और भगवान शिव की आराधना करने वाले लोगों को शैव कहते हैं। शैव में शाक्त, नाथ, दशनामी, नाग आदि उप संप्रदाय हैं। ये भी संप्रदाय‌ हैं जो भगवान शिव की आराधना अलग अलग माध्यमों से करते हैं (i) शैव (ii) पाशुपत। पाशुपत संप्रदाय तंत्र पर जोर देता है शैव संप्रदाय वेद , पुराण , उपनिषद आदि ग्रंथों पर आधारित भक्ति विधा है।

Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho
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|| Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho ||

शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयंभो
गङ्गाधर शंकर करुणाकर मामव भवसागर तारक

निर्गुण परब्रह्म स्वरुप गमगम भूत प्रपञ्चा रहित
निज गुहानिहित नितान्त अनन्त आनन्द अतिशय अक्सयलिङ्ग

धिमित धिमित धिमि धिमिकित किततों तों तों तरिकित तरिकितकित तों
मातङ्ग मुनिवर वन्दिता इष सर्व दिगंबर वेस्तित
वेस इष सबेष नित्य निरञ्जन नित्य न अतेष इष सबेष सर्वेश

Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho

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