Ghra/Jighra Dhatu Roop in Sanskrit | भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु रूप

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Jighra Dhatu Roop:- नमस्कार दोस्तों, यहाँ पर आपको घ्रा-जिघ्र धातु के रूप संस्कृत में सिखने को मिलने वाला है। छात्रों से अक्सर स्कूलों और प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी Ghra / Jighra Dhatu Roop in Sanskrit में लिखने के लिए कहा जाता हैं। घ्रा-जिघ्र धातु रूप के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते है। और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको घ्रा-जिघ्र धातु रूप के बारे मे बता रहे  है। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अर्च्, गम्, अस्, गुह्, भू-भव्, जि, तप्, दा, आदि। Ghra Dhatu roop संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।

Jighra Dhatu Roop
Ghra/Jighra Dhatu Roop

Jighra Dhatu Roop

घ्रा-जिघ्र धातु का अर्थ है ‘सूँघना, to smell’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अर्च्, गम्, अस्, गुह्, भू-भव्, जि, तप्, दा, आदि। घ्रा-जिघ्र धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।

1 . लट् लकार – वर्तमान काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषजिघ्रतिजिघ्रतःजिघ्रन्ति
मध्यम पुरुषजिघ्रसिजिघ्रथःजिघ्रथ
उत्तम पुरुषजिघ्रामिजिघ्रावःजिघ्रामः
Ghra/Jighra Dhatu Roop

2. लृट् लकार – भविष्यत काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषघ्रास्यतिघ्रास्यत:घ्रास्यन्ति
मध्यम पुरुषघ्रास्यसिघ्रास्यथ:घ्रास्यथ
उत्तम पुरुषघ्रास्यामिघ्रास्याव:घ्रास्याम:
Ghra/Jighra Dhatu Roop

3. लङ् लकार – भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअजिघ्रत्अजिघ्रताम्अजिघ्रन्
मध्यम पुरुषअजिघ्रःअजिघ्रतम्अजिघ्रत
उत्तम पुरुषअजिघ्रम्अजिघ्रावअजिघ्राम

4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषजिघ्रतुजिघ्रताम्जिघ्रन्तु
मध्यम पुरुषजिघ्रजिघ्रतम्जिघ्रत
उत्तम पुरुषजिघ्राणिजिघ्रावजिघ्राम

5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषजिघ्रेत्जिघ्रेताम्जिघ्रेयुः
मध्यम पुरुषजिघ्रेःजिघ्रेतम्जिघ्रेत
उत्तम पुरुषजिघ्रेयम्जिघ्रेवजिघ्रेम

6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअघ्रात्अघ्राताम्अघ्रुः
मध्यम पुरुषअघ्राःअघ्रातम्अघ्रात
उत्तम पुरुषअघ्राम्अघ्रावअघ्राम

7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषजघ्रौजघ्रतुःजघ्रुः
मध्यम पुरुषजघ्रिथजघ्रथुःजघ्र
उत्तम पुरुषजघ्रौजघ्रिवजघ्रिम

8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषघ्राताघ्रातारौघ्रातार:
मध्यम पुरुषघ्रातासिघ्रातास्थ:घ्रातास्थ
उत्तम पुरुषघ्रातास्मिघ्रातास्व:घ्रातास्म:

9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषघ्रेयात्घ्रेयास्ताम्घ्रेयासुः
मध्यम पुरुषघ्रेयाःघ्रेयास्तम्घ्रेयास्त
उत्तम पुरुषघ्रेयासम्घ्रेयास्वघ्रेयास्म

10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषअघ्रास्यत्अघ्रास्यताम्अघ्रास्यन्
मध्यम पुरुषअघ्रास्यःअघ्रास्यतम्अघ्रास्यत
उत्तम पुरुषअघ्रास्यम्अघ्रास्यावअघ्रास्याम

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