नमस्कार दोस्तों, हम यहाँ पर आपके लिए संस्कृत धातु रूप से बने Much/Munch Dhatu Roop in Sanskrit को लेकर प्रस्तुत हुए है। संस्कृत भाषा में वाक्य का निर्माण करने के लिए धातु के रूप बनते है। वाक्य के लिए एक धातु के कई रूप हो सकते है। मुच्/मुञ्च् धातु का अर्थ है ‘छोड़ना, to leave’। यह तुदादिगण तथा उभयपदी धातु है। सभी तुदादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- क्षिप्, तुद्, इष्, मिल्, मृ, स्पृश्, प्रछ्/प्रच्छ्,विश्, सिच्/सिञ्च आदि। मुञ्च् धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
मुच्/मुञ्च् धातु के पांच लकार होते है
लट् लकार – वर्तमान काल
लोट् लकार – आदेशवाचक
लङ् लकार – भूतकाल
विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
लृट् लकार – भविष्यत् काल
मुच्/मुञ्च् धातु के रूप भी दो प्रकार के होते है
परस्मैपद
आत्मनेपद
मुच्/मुञ्च् धातु के रूप (Dhatu Roop of Much/Munch) – परस्मैपद
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुञ्चति
मुञ्चतः
मुञ्चन्ति
मध्यम पुरुष
मुञ्चसि
मुञ्चथः
मुञ्चथ
उत्तम पुरुष
मुञ्चामि
मुञ्चावः
मुञ्चामः
Munch Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मोक्ष्यति
मोक्ष्यत:
मोक्ष्यन्ति
मध्यम पुरुष
मोक्ष्यसि
मोक्ष्यथ:
मोक्ष्यथ
उत्तम पुरुष
मोक्ष्यामि
मोक्ष्याव:
मोक्ष्याम:
Munch Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमुञ्चत्
अमुञ्चताम्
अमुञ्चन्
मध्यम पुरुष
अमुञ्चः
अमुञ्चतम्
अमुञ्चत
उत्तम पुरुष
अमुञ्चम्
अमुञ्चाव
अमुञ्चाम
Munch Dhatu Roop
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुञ्चतु
मुञ्चताम्
मुञ्चन्तु
मध्यम पुरुष
मुञ्च
मुञ्चतम्
मुञ्चत
उत्तम पुरुष
मुञ्चानि
मुञ्चाव
मुञ्चाम
Munch Dhatu Roop
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुञ्चेत्
मुञ्चेताम्
मुञ्चेयुः
मध्यम पुरुष
मुञ्चेः
मुञ्चेतम्
मुञ्चेत
उत्तम पुरुष
मुञ्चेयम्
मुञ्चेव
मुञ्चेम
Munch Dhatu Roop
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमुचत्
अमुचताम्
अमुचन्
मध्यम पुरुष
अमुचः
अमुचतम्
अमुचत
उत्तम पुरुष
अमुचम्
अमुचाव
अमुचाम
Munch Dhatu Roop
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुमोच
मुमुचतुः
मुमुचुः
मध्यम पुरुष
मुमोचिथ
मुमुचथुः
मुमुच
उत्तम पुरुष
मुमोच
मुमुचिव
मुमुचिम
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मोक्ता
मोक्तारौ
मोक्तार:
मध्यम पुरुष
मोक्तासि
मोक्तास्थ:
मोक्तास्थ
उत्तम पुरुष
मोक्तास्मि
मोक्तास्व:
मोक्तास्म:
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुच्यात्
मुच्यास्ताम्
मुच्यासुः
मध्यम पुरुष
मुच्याः
मुच्यास्तम्
मुच्यास्त
उत्तम पुरुष
मुच्यासम्
मुच्यास्व
मुच्यास्म
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमोक्ष्यत्
अमोक्ष्यताम्
अमोक्ष्यन्
मध्यम पुरुष
अमोक्ष्यः
अमोक्ष्यतम्
अमोक्ष्यत
उत्तम पुरुष
अमोक्ष्यम्
अमोक्ष्याव
अमोक्ष्याम
मुच्/मुञ्च् धातु के रूप (Dhatu Roop of Much/Munch) – आत्मनेपद
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुञ्चते
मुञ्चेते
मुञ्चन्ते
मध्यम पुरुष
मुञ्चसे
मुञ्चेथे
मुञ्चध्वे
उत्तम पुरुष
मुञ्चे
मुञ्चावहे
मुञ्चामहे
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मोक्ष्यते
मोक्ष्येते
मोक्ष्यन्ते
मध्यम पुरुष
मोक्ष्यसे
मोक्ष्येथे
मोक्ष्यध्वे
उत्तम पुरुष
मोक्ष्ये
मोक्ष्यावहे
मोक्ष्यामहे
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमुञ्चत
अमुञ्चेताम्
अमुञ्चन्त
मध्यम पुरुष
अमुञ्चथाः
अमुञ्चेथाम्
अमुञ्चध्वम्
उत्तम पुरुष
अमुञ्चे
अमुञ्चावहि
अमुञ्चामहि
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुञ्चताम्
मुञ्चेताम्
मुञ्चन्ताम्
मध्यम पुरुष
मुञ्चस्व
मुञ्चेथाम्
मुञ्चध्वम्
उत्तम पुरुष
मुञ्चै
मुञ्चावहै
मुञ्चामहै
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुञ्चेत
मुञ्चेयाताम्
मुञ्चेरन्
मध्यम पुरुष
मुञ्चेथाः
मुञ्चेयाथाम्
मुञ्चेध्वम्
उत्तम पुरुष
मुञ्चेय
मुञ्चेवहि
मुञ्चेमहि
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमुक्त
अमुक्षाताम्
अमुक्षत
मध्यम पुरुष
अमुक्थाः
अमुक्षाथाम्
अमुग्ध्वम्
उत्तम पुरुष
अमुक्षि
अमुक्ष्वहि
अमुक्ष्महि
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुमुचे
मुमुचाते
मुमुचिरे
मध्यम पुरुष
मुमुचिषे
मुमुचाथे
मुमुचिध्वे
उत्तम पुरुष
मुमुचे
मुमुचिवहे
मुमुचिमहे
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मोक्ता
मोक्तारौ
मोक्तार:
मध्यम पुरुष
मोक्तासे
मोक्तासाथे
मोक्ताध्वे
उत्तम पुरुष
मोक्ताहे
मोक्तास्वहे
मोक्तास्महे
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मुक्षीष्ट
मुक्षीयास्ताम्
मुक्षीरन्
मध्यम पुरुष
मुक्षीष्ठाः
मुक्षीयास्थाम्
मुक्षीध्वम्
उत्तम पुरुष
मुक्षीय
मुक्षीवहि
मुक्षीमहि
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अमोक्ष्यत
अमोक्ष्येताम्
अमोक्ष्यन्त
मध्यम पुरुष
अमोक्ष्यथाः
अमोक्ष्येथाम्
अमोक्ष्यध्वम्
उत्तम पुरुष
अमोक्ष्ये
अमोक्ष्यावहि
अमोक्ष्यामहि
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