Shri Tulsi Stuti:- तुलसी जी का प्रतिदिन दर्शन करना पापनाशक समझा जाता है, हिन्दू धर्म में देव पूजा और श्राद्ध कर्म में तुलसी आवश्यक मानी गई है। तुलसी पत्र से पूजा करने से व्रत, यज्ञ, जप, होम, हवन करने का पुण्य प्राप्त होता है। तुलसी स्तुति का पाठ करने से घर में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। और इस मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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|| Shri Tulsi Stuti ||
तुलसि श्रीसखि शुभे पापहारिणि पुण्यदे । नमस्ते नारदनुते नारायणमनःप्रिये ॥ १॥ मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि । आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ २॥ यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः । यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम् ॥ ३॥ अमृतां सर्वकल्याणीं शोकसन्तापनाशिनीम् । आधिव्याधिहरीं नॄणां तुलसि त्वां नम्राम्यहम् ॥ ४॥ देवैस्त्चं निर्मिता पूर्वं अर्चितासि मुनीश्वरैः । नमो नमस्ते तुलसि पापं हर हरिप्रिये ॥ ५॥ सौभाग्यं सन्ततिं देवि धनं धान्यं च सर्वदा । आरोग्यं शोकशमनं कुरु मे माधवप्रिये ॥ ६॥ तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भयोऽपि सर्वदा । कीर्तिताऽपि स्मृता वाऽपि पवित्रयति मानवम् ॥ ७॥ या दृष्टा निखिलाघसङ्घशमनी स्पृष्टा वपुःपावनी रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्ताऽन्तकत्रासिनी । प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः ॥ ८॥ ॥ इति श्री तुलसीस्तुतिः ॥ |