नमस्कार दोस्तों, आज आपको इस लेख से Such Dhatu Roop in Sanskrit भाषा मे आपको सिखने को मिलने वाला है। शुच् धातु रूप के बारे मे काफी छात्र सीखना चाहते है। और इंटरनेट पर भी इसके बारे मे जानकारी खोजते रहते है। इसलिए मेने इस लेख के माध्यम से आपको शुच् धातु रूप के बारे मे बता रहे है। शुच् धातु का अर्थ है ‘शोक करना, to grieve’। यह भ्वादिगण तथा परस्मैपदी धातु है। सभी भ्वादिगण धातु के धातु रूप इसी प्रकार बनते है जैसे- अर्च्, गम्, अस्, भू-भव्, घ्रा, गुह्, जि, आदि। शुच् धातु के रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
1 . लट् लकार – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शोचति
शोचतः
शोचन्ति
मध्यम पुरुष
शोचसि
शोचथः
शोचथ
उत्तम पुरुष
शोचामि
शोचावः
शोचामः
Such Dhatu Roop
2. लृट् लकार – भविष्यत काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शोचिष्यति
शोचिष्यत:
शोचिष्यन्ति
मध्यम पुरुष
शोचिष्यसि
शोचिष्यथ:
शोचिष्यथ
उत्तम पुरुष
शोचिष्यामि
शोचिष्याव:
शोचिष्याम:
Such Dhatu Roop
3. लङ् लकार – भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अशोचत्
अशोचताम्
अशोचन्
मध्यम पुरुष
अशोचः
अशोचतम्
अशोचत
उत्तम पुरुष
अशोचम्
अशोचाव
अशोचाम
Such Dhatu Roop
4. लोट् लकार – आज्ञा के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शोचतु
शोचताम्
शोचन्तु
मध्यम पुरुष
शोच
शोचतम्
शोचत
उत्तम पुरुष
शोचानि
शोचाव
शोचाम
Such Dhatu Roop
5. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शोचेत्
शोचेताम्
शोचेयुः
मध्यम पुरुष
शोचेः
शोचेतम्
शोचेत
उत्तम पुरुष
शोचेयम्
शोचेव
शोचेम
6. लुङ् लकार – सामान्य भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अशोचीत्
अशोचिष्टाम्
अशोचिषुः
मध्यम पुरुष
अशोचीः
अशोचिष्टम्
अशोचिष्ट
उत्तम पुरुष
अशोचिषम्
अशोचिष्व
अशोचिष्म
7. लिट् लकार – परोक्ष भूतकाल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शुशोच
शुशुचतुः
शुशुचुः
मध्यम पुरुष
शुशोचिथ
शुशुचथुः
शुशुच
उत्तम पुरुष
शुशोच
शुशुचिव
शुशुचिम
8. लुट् लकार – अनद्यतन भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शोचिता
शोचितारौ
शोचितार:
मध्यम पुरुष
शोचितासि
शोचितास्थ:
शोचितास्थ
उत्तम पुरुष
शोचितास्मि
शोचितास्व:
शोचितास्म:
9. आशिर्लिङ् लकार – आशीर्वाद हेतु
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
शुच्यात्
शुच्यास्ताम्
शुच्यासुः
मध्यम पुरुष
शुच्याः
शुच्यास्तम्
शुच्यास्त
उत्तम पुरुष
शुच्यासम्
शुच्यास्व
शुच्यास्म
10. लृङ् लकार – हेतुहेतुमद् भविष्य काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अशोचिष्यत्
अशोचिष्यताम्
अशोचिष्यन्
मध्यम पुरुष
अशोचिष्यः
अशोचिष्यतम्
अशोचिष्यत
उत्तम पुरुष
अशोचिष्यम्
अशोचिष्याव
अशोचिष्याम
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