श्री विघ्ननिवारक सिद्धिविनायक स्तोत्रम् | Shri Siddhivinayak Stotram

Join Our WhatsApp Channel Join Now
Join Our Telegram Channel Join Now

Shri Siddhivinayak Stotram:- श्रीसिद्धिविनायक अर्थात् सिद्धि देने वाले गणेशजी। अपने नाम के अनुरूप ही यह Siddhivinayak स्तोत्रम् सभी सिद्धि देने वाले हैं। धनहीन (दरिद्र) को धन, भाग्यहीन को सुख, अज्ञानी को उत्तम ज्ञान, संतानहीन को संतान प्राप्त होता है। shri Siddhivinayak मंत्र मूल रूप से भगवान गणेश की स्तुति में संस्कृत में है। इसे गणेश स्तोत्रम भी कहा जाता है। भगवान गणेश जीवन में आने वाली परेशानियों और बाधाओं को दूर करते हैं।

Shri Siddhivinayak Stotram
Shri Siddhivinayak Stotram

|| Shri Siddhivinayak Stotram ||

विघ्नेश विघ्नचयखण्डननामधेय
श्रीशंकरात्मज सुराधिपवन्द्यपाद ।
दुर्गामहाव्रतफलाखिलमंगलात्मन्
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥1॥

सत्पद्मरागमणिवर्णशरीरकान्ति:
श्रीसिद्धिबुद्धिपरिचर्चितकुंकुमश्री: ।
दक्षस्तने वलयितातिमनोज्ञशुण्डो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥2॥

पाशांकुशाब्जपरशूंश्च दधच्चतुर्भि-
र्दोर्भिश्च शोणकुसुमस्त्रगुमांगजात: ।
सिन्दूरशोभितललाटविधुप्रकाशो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥3॥

कार्येषु विघ्नचयभीतविरंचिमुख्यै:
सम्पूजित: सुरवरैरपि मोदकाद्यै: ।
सर्वेषु च प्रथममेव सुरेषु पूज्यो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥4॥

शीघ्रांचनस्खलनतुंगरवोर्ध्वकण्ठ-
स्थूलेन्दुरुद्रगणहासितदेवसंघ: ।
शूर्पश्रुतिश्च पृथुवर्तुलतुंगतुन्दो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥5॥

यज्ञोपवीतपदलम्भितनागराजो
मासादिपुण्यददृशीकृतऋक्षराज: ।
भक्ताभयप्रद दयालय विघ्नराज
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥6॥

सद्रत्नसारततिराजितसत्किरीट:
कौसुम्भचारुवसनद्वय ऊर्जितश्री:।
सर्वत्र मंगलकरस्मरणप्रतापो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥7॥

देवान्तकाद्यसुरभीतसुरार्तिहर्ता
विज्ञानबोधनवरेण तमोsपहर्ता ।
आनन्दितत्रिभुवनेश कुमारबन्धो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥8॥
॥इति श्रीमुद्गलपुराणे विघ्ननिवारकं श्रीसिद्धिविनायकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

Shri Siddhivinayak Stotram

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top