Daitya Shabd Roop in Sanskrit – दैत्य (राक्षस) शब्द अजन्त (अकारांत) पुल्लिंग संज्ञा शब्द है। सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे- पाद, ब्राह्मण, वृक्ष, गृह, मास, इन्द्र, कृष्ण, गोविन्द, गुण, चन्द्र, भक्त, केश, कलश, असुर, ईश्वर, कृषक, आपण, अध्याय, लोक, वृषभ, अधर, वानर, कपोत, अनेक, शिष्य, शूद्र, गज, दिवस, घट, गोत्र, शिव, सुर, अश्व, काक, खग, छात्र, सूर्य, आश्रम, मानव, उद्यान, कूप, आकाश, ग्राम, उत्सव, लोक, गीत, जन, जनक, देव, बालक, राम, आदि।
दैत्य शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Daitya Shabd Roop in Sanskrit
दैत्य शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | दैत्यः | दैत्यौ | दैत्याः |
द्वितीया | दैत्यम् | दैत्यौ | दैत्यान् |
तृतीया | दैत्येन | दैत्याभ्याम् | दैत्यैः |
चतुर्थी | दैत्याय | दैत्याभ्याम् | दैत्येभ्यः |
पंचमी | दैत्यात् / दैत्याद् | दैत्याभ्याम् | दैत्येभ्यः |
षष्ठी | दैत्यस्य | दैत्ययोः | दैत्यानाम् |
सप्तमी | दैत्ये | दैत्ययोः | दैत्येषु |
सम्बोधन | हे दैत्य! | हे दैत्यौ! | हे दैत्याः! |

आशा करता हूँ की आपको इस लेख से दैत्य शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।