Gotra Shabd Roop in Sanskrit – गोत्र शब्द (Gotra Shabd) अकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द है। सभी नपुंसकलिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनायें जाते हैं, जैसे- नक्षत्र, फल, ज्ञान, धन, जल, अन्न, हृदय, गृह, पुष्प, पत्र, कमल, बल, पुस्तक, दुग्ध, मित्र, मुख, वन, कमल, कुल, कार्य, काल, कोमल, कौशल, क्षेत्र, ऋण, उपवन, नगर, आदि। गोत्र शब्द (वंश, कुल का आरंभ करने वाले ऋषियों की संतति-परंपरा- संतान): गोत्र शब्द के अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द के शब्द रूप, गोत्र (Gotra) शब्द के अंत में “अ” की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारान्त हैं।
गोत्र शब्द के रूप सातों विभक्ति में – Gotra Shabd Roop in Sanskrit
गोत्र शब्द के रूप सातों विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | गोत्रम् | गोत्रे | गोत्राणि |
द्वितीया | गोत्रम् | गोत्रे | गोत्राणि |
तृतीया | गोत्रेण | गोत्राभ्याम् | गोत्रैः |
चतुर्थी | गोत्राय | गोत्राभ्याम् | गोत्रेभ्यः |
पंचमी | गोत्रात् / गोत्राद् | गोत्राभ्याम् | गोत्रेभ्यः |
षष्ठी | गोत्रस्य | गोत्रयोः | गोत्राणाम् |
सप्तमी | गोत्रे | गोत्रयोः | गोत्रेषु |
सम्बोधन | हे गोत्र! | हे गोत्रे! | हे गोत्राणि! |
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आशा करता हूँ की आपको इस लेख से गोत्र शब्द का रूप समझ में आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हमारी टीम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।